कर दाताओं और कर सलाहकारों का आयकर पोर्टल पर बहुत ही कष्ट हो रहा है। आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई के बीलकुल नजदीक आ गई है, और पोर्टल की तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें अपने रिटर्न भरने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
ओटीपी जेनरेट न होने से अवरोध
वे लोग, जिन्होंने अपना रिटर्न पहले ही भर दिया है, ओटीपी जेनरेट न होने की समस्या का सामना कर रहे हैं। इसके कारण, उन्हें अपना आयकर रिटर्न सबमिट नहीं कर पा रहे हैं। वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट अजय मिश्रा ने यह समस्या उठाई है और आयकर विभाग को अपने पोर्टल की क्षमता बढ़ाने की सलाह दी है।
डाटा इंपोर्ट का बोझ
यह बोझ सामान्य तौर पर तब बढ़ता है जब सीए और अन्य सॉफ्टवेयर पोर्टल से डाटा इंपोर्ट करते हैं। इस बोझ के बढ़ने पर पोर्टल ठप हो जाता है, और फिर रिटर्न भरना मुश्किल हो जाता है।
मैनुअल डाटा एंट्री और उसके चुनौतियाँ
मुख्य रूप से, ओटीपी जेनरेट न होने की समस्या के चलते, करदाताओं को मैनुअल रूप से अपना डाटा दर्ज करना पड़ रहा है, जो काफी समय और प्रयास की मांग करता है। इनकम टैक्स बार के अध्यक्ष आसिम जफर ने कहा है कि विभाग को अपने एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (एआईएस) और टैक्स पेयर इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (टीआईएस) को और अधिक कुशल बनाने की जरूरत है।
पोर्टल की समस्याएं और उसके प्रभाव
साथ ही, पोर्टल पर विभाग के कई नियमों का पालन नहीं हो रहा है, जिससे कंपनियों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अगर पोर्टल में समस्या रही तो मजबूरन सरकार को IT Return के तारीख़ को आगे बढ़ाना होगा.