वित्तीय वर्ष 2023 की पहली तिमाही में संस्थागत निवेश में 41% की कमी, निवेशकों की दिलचस्पी में फिर से वृद्धि
भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेशकों को एक झटका मिला है. पिछले वर्ष जून तिमाही के दौरान 2.7 अरब डॉलर और इस साल जनवरी-मार्च अवधि में 1.2 अरब डॉलर का संस्थागत निवेश हुआ था, लेकिन वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में यह 41% घटकर 1.6 अरब डॉलर पर सिमट गया है. हालांकि, तिमाही आधार पर इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
विदेशी निवेशकों का दबदबा बरकरार रहा है। अप्रैल-जून तिमाही में इस सेक्टर को मिले कुल संस्थागत निवेश में 92 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ विदेशी निवेशकों ने अपना दबदबा बनाये रखा है।
रियल एस्टेट एडवाइजर फर्म वेस्टियन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) श्रीनिवास राव ने कहा, “रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश पिछली तिमाही की तुलना में खासा बढ़ा है, जो चुनौतीपूर्ण व्यापक आर्थिक परिदृश्य में निवेशकों की दोबारा पैदा हुई दिलचस्पी को दर्शाता है.”
रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश की बढ़ती हुई दिलचस्पी से, सेक्टर की स्थिरता और विकास में सकारात्मक असर पड़ सकता है। इसके अलावा, बढ़ती हुई दिलचस्पी और निवेश से रियल एस्टेट सेक्टर की कीमतों में वृद्धि हो सकती है, जिससे निवेशकों को अधिक लाभ मिल सकता है।
संस्थागत निवेश संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी:
वर्ष/तिमाही | संस्थागत निवेश (अरब डॉलर में) | वृद्धि/ह्रास (%) |
---|---|---|
2022 की जून तिमाही | 2.7 | — |
2023 की जनवरी-मार्च तिमाही | 1.2 | -55.5 |
2023 की अप्रैल-जून तिमाही | 1.6 | +33.3 |