भारत आने वाले विदेशी मेडिकल टूरिस्ट्स को अब देश की पारंपरिक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने की दिशा में सरकार ने एक नई पहल की है। गृह मंत्रालय ने ‘आयुष वीजा’ नामक एक नई वीजा केटेगरी की शुरुआत की है, जिससे विदेशी नागरिक भारत में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा के लाभ उठा सकेंगे।
पारंपरिक भारतीय चिकित्सा से जुड़े विदेशी नागरिकों के लिए ‘आयुष वीजा’
इस वीजा का लाभ वही विदेशी नागरिक उठा पाएंगे, जो पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति के तहत इलाज कराने के लिए भारत आना चाहते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति आयुर्वेदिक उपचार या योग सीखने के लिए भारत आ रहा है, तो उसे ‘आयुष वीजा’ के तहत वीजा दिया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य भारत की पुरानी चिकित्सा पद्धति को विदेशों तक पहुंचाना है।
भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विश्व स्तर पर पहचान
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि इस वीजा से भारत में मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा मिलेगा और भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विश्व स्तर पर पहचान मिलेगी।
वे यह भी जोड़े कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की वजह से यह संभव हुआ है। साल 2022 में, पीएम मोदी ने आयुष वीजा की शुरुआत करने का ऐलान किया था, जिससे इसे सरकार की ‘हील इन इंडिया’ पहल के रोडमैप का हिस्सा बनाया गया।
प्रभाव
इस नई पहल के बाद से विदेशी नागरिक भारत में पारंपरिक चिकित्सा की सेवाएं और अधिक से अधिक उठा सकेंगे। यह न सिर्फ भारतीय चिकित्सा प्रणाली को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाएगा, बल्कि भारत के मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा देगा।
महत्वपूर्ण सूचना सारणी:
विवरण | सूचना |
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नई वीजा केटेगरी का नाम | ‘आयुष वीजा’ |
वीजा का लाभ | विदेशी नागरिक भारतीय पारंपरिक चिकित्सा से जुड़ी सेवाएं ले सकेंगे |
वीजा की घोषणा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में की |
वीजा का उद्देश्य | भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना और मेडिकल वैल्यू ट्रैवल बढ़ाना |