टमाटर तो सिर्फ आगाज़ था, महंगाई ने की पूरी थाली पर कब्जा
टमाटर ने महंगाई की चाल तो चलाई थी, लेकिन आगोश में पूरी थाली को अब महंगाई ने ले लिया है। यहां तक कि दाल, चावल और रोटी की महंगाई ने जनता को घेर लिया है।
महंगाई का तांडव: टमाटर से लेकर दाल-चावल तक
जब टमाटर की कीमतें 100 तो कभी 200 और अब 250 रुपये पहुंच गई, तो जनता ने उसे महंगाई का प्रमुख कारण मानना शुरू कर दिया। लेकिन इसके पीछे महंगाई ने पूरी थाली को ही अपने आगोश में ले लिया है। सरकार ने संसद में गुरुवार को दाल, चावल और आटे की महंगाई की जानकारी दी। इसके मुताबिक, दाल की कीमत में 28% की, चावल के दाम में 10.5% और उड़द दाल और आटे की कीमत में 8 % की वृद्धि दर्ज की गई है।
मौसम और उत्पादन: महंगाई के प्रमुख कारण
भारतीय कृषि का मुख्य आधार मौसम ही रहा है। इस बार, बदलते मौसम के प्रभाव और उत्पादन में गिरावट के कारण खाने पीने के सामानों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं।
टमाटर की कीमत बढ़ने का खतरा
टमाटर की कीमत अब 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है, जैसा कि आजादपुर सब्जी मंडी के थोक विक्रेता संजय भगत ने बताया। वहीं, उन्होंने यह भी बताया कि सब्जियों की गुणवत्ता में गिरावट आई है।
विस्तारित सूचना
विषय | सूचना |
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दाल की महंगाई | 28% वृद्धि |
चावल की महंगाई | 10.5% वृद्धि |
आटे की महंगाई | 8% वृद्धि |
टमाटर की महंगाई | 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है |
खान-पान के सामान की गुणवत्ता | गिरावट आई है |
इन सभी तथ्यों को देखते हुए, आवश्यक है कि सरकार को उचित कदम उठाने और उत्पादन को बढ़ाने की जरूरत है, ताकि जनता को राहत मिल सके।