जम्मू-कश्मीर में एक ही दिन में तीन भूकंपों के झटके महसूस हुए। जम्मू-कश्मीर में शनिवार की शाम रिक्टर पैमाने पर 5.8 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप अफगानिस्तान के हिंदूकुश इलाके का केंद्र बना था। इसके पहले, सुबह 8.36 बजे और 10.24 बजे दो और भूकंप महसूस हुए, जिनकी तीव्रता 4.8 और 5.2 थी।
दिल्ली-NCR और राजस्थान में भूकंप के झटके
जम्मू-कश्मीर में आये भूकंप के झटकों का असर दिल्ली-NCR और राजस्थान में भी महसूस हुआ। राजस्थान के पोखरण में सुबह 4:38 बजे भूकंप के झटके आए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली पुलिस ने भी इस घटना पर ट्वीट किया।
सम्पूर्ण सूचना तालिका
घटना | समय | तीव्रता (रिक्टर स्केल पर) | केंद्र |
---|---|---|---|
जम्मू-कश्मीर में भूकंप | शाम | 5.8 | हिंदूकुश (अफगानिस्तान) |
पहला भूकंप | सुबह 8.36 बजे | 4.8 | हिंदूकुश |
दूसरा भूकंप | सुबह 10.24 बजे | 5.2 | हिंदूकुश |
पोखरण में भूकंप | सुबह 4:38 बजे | 4.4 | पोखरण |
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सौर तूफान, जिसे जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म भी कहते हैं, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में असामान्य परिवर्तन लाता है। जानिए इसके बारे में और इससे होने वाले प्रभाव के बारे में।
पृथ्वी पर सौर तूफान के प्रभाव
हाल की घटना में, कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) के कारण एक शक्तिशाली सौर तूफान ने पृथ्वी को टक्कर मार दी। इसके प्रभाव से धरती की शैल हिल गई और वैज्ञानिकों का मानना है कि इससे भूकंप का खतरा बढ़ सकता है।
ग्रह की चुंबकीय स्थिति
सौर तूफान की वजह से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में 22 एनटी की भीषण वृद्धि हो गई। इसके बाद, एक जी-3 श्रेणी का जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म पृथ्वी से टकराया, जिससे अधिक प्रभाव और हानि हो सकती है।
सौर तूफान की पहचान
सौर तूफान सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा और विकिरण होती है, जिससे पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में परिवर्तन होता है। इसका सीधा प्रभाव पृथ्वी के वातावरण पर पड़ता है।
भूतकाल में सौर तूफान
1989 में कनाडा के क्यूबेक में सौर तूफान के प्रभाव से 12 घंटे तक बिजली गई थी। 1859 में भी एक ऐसा ही घातक सौर तूफान आया था जिससे अमेरिका और यूरोप में टेलीग्राफ नेटवर्क नष्ट हो गया था।
महत्वपूर्ण जानकारी:
शीर्षक | विवरण |
---|---|
सौर तूफान | सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा और विकिरण |
प्रभाव | पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर परिवर्तन |
भूतकालीन घटना | 1989 में क्यूबेक में बिजली गई, 1859 में टेलीग्राफ नष्ट |
जोखिम | रेडियो संचार, बिजली के ग्रिड, अंतरिक्ष यान |