अरबपति अनिल अग्रवाल की प्रमुख कंपनी वेदांता ने संकटग्रस्त थर्मल प्लांट मीनाक्षी एनर्जी का अधिग्रहण करने का निर्णय लिया है।
वेदांता की पेशकश: वेदांता ने ₹4625 करोड़ के स्वीकृत दावों के मुकाबले में ₹1440 करोड़ की पेशकश की है, जो मीनाक्षी एनर्जी के 31% कर्ज वसूली के बराबर है।
बोलीदाता की रेस: जिंदल पावर, विजाग मिनरल्स और प्रूडेंट एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी जैसी कंपनियां भी इस रेस में शामिल थीं, लेकिन वेदांता की पेशकश को सबसे अधिक मान्यता मिली।
पहली पेशकश: वेदांता ने पहली पेशकश 29 अगस्त, 2022 को की थी, जिसे बाद में 28 अक्टूबर को संशोधित किया गया। फिर 26 दिसंबर को उन्होंने ₹650 करोड़ से बढ़कर ₹1440 करोड़ की नई पेशकश की।
अग्रिम भुगतान: वेदांता ₹312 करोड़ का अग्रिम भुगतान करेगा, जो इस सौदे का हिस्सा है।
मीनाक्षी एनर्जी का पिछला इतिहास: मीनाक्षी एनर्जी का पिछला अधिग्रहण 2016 में Srei के प्रमोटर हेमंत कनोरिया ने फ्रांस के एंजी ग्रुप से किया था।
English Summary: Billionaire Anil Agarwal’s leading company, Vedanta, has decided to acquire the distressed thermal plant, Meenakshi Energy. Vedanta has offered ₹1440 crores against the accepted claims of ₹4625 crores, which equates to a 31% debt recovery for Meenakshi Energy. While other bidders like Jindal Power and a unit of Prudent Asset Reconstruction Company with Vizag Minerals were in the race, Vedanta’s offer was deemed the most favorable. The initial offer by Vedanta was made on 29th August 2022, which was later revised on 28th October and then on 26th December, increasing from ₹650 crores to ₹1440 crores. As part of the deal, Vedanta will make an advance payment of ₹312 crores. Meenakshi Energy was previously acquired by Srei’s promoter Hemant Kanoria from France’s Engie Group in 2016.