देश में इस साल घटेगा चावल का उत्पादन, इस वजह से 5 फीसदी तक कम हो जाएगा प्रोडक्शन
बढ़ी चिंता: कम बारिश का असर
इस साल के असमान बारिश के कारण भारत के कई चावल उत्पादक राज्यों में, जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में, चावल की उत्पादकता पर नकरात्मक असर पड़ा है.
वैश्विक प्रभाव: अल नीनो और प्रतिकूल मौसम
अल नीनो और प्रतिकूल मौसम के कारण 2024 में वैश्विक चावल उत्पादन में अनुमानित 7 मिलियन टन की कमी के कारण, चावल की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है.
ICAR की सलाह: छोटी अवधि की फसलों का समर्थन
नेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट (ICAR) ने किसानों को सलाह दी है कि वे 90-110 दिनों में तैयार होने वाले छोटी अवधि की चावल की फसलों को प्राथमिकता दें।
राज्यों में कम बारिश: ओडिशा और अन्य पूर्वी राज्यों की स्थिति
ओडिशा में कम वर्षा के कारण चावल की रोपाई में पहले ही देरी हो चुकी है, जिसके कारण अन्य पूर्वी राज्यों में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या होगा आगे: दामों में उछाल की संभावना
जानकारों का मानना है कि चावल के दामों में उछाल जारी रहेगा। केंद्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है, जिसका भारत के वित्त वर्ष 2023 के कुल एक्सपोर्ट में 30 फीसदी का हिस्सा था।
महत्वपूर्ण जानकारी:
क्षेत्र | उत्पादन घटाव (अनुमानित) | वैश्विक प्रभाव | सलाह |
---|---|---|---|
पश्चिम बंगाल | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |
ओडिशा | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |
झारखंड | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |
छत्तीसगढ़ | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |
पूर्वी उत्तर प्रदेश | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |
बिहार | 5% | 7 मिलियन टन | 90-110 दिन की फसल लगाएं |