अल नीनो का कोई प्रभाव नहीं
भारतीय चीनी सहकारी संस्था एनएफसीएसएफ (National Federation of Cooperative Sugar Factories Limited) ने घोषणा की है कि वर्ष 2023-24 में चीनी की घरेलू उपलब्धता में कोई समस्या नहीं आएगी. इस बारे में पहले उठाए गए अटकलों को खारिज किया गया है।
कई राज्यों में हुई अच्छी बारिश
एनएफसीएसएफ के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवारे ने कहा कि महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में बारिश अच्छी हुई है, जिससे गन्ने की पैदावार में वृद्धि हुई है।
गन्ना बुवाई का रकबा बढ़ा
महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में गन्ने के पेराई क्षमता में वृद्धि हुई है, जिससे चीनी का उत्पादन भी बढ़ेगा।
RBI और मुद्रास्फीति
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि वे मुद्रास्फीति को स्थिर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें खाद्य कीमतों का महत्वपूर्ण भूमिका है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
पैरामीटर | जानकारी |
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वर्ष 2023-24 में उपलब्ध चीनी | सामान्य से अधिक |
बारिश की स्थिति | महाराष्ट्र में कम, अन्य राज्यों में अच्छी |
गन्ने का रकबा | 59.91 लाख हेक्टेयर (वृद्धि हुई) |
वर्ष 2022-23 में चीनी का उत्पादन | 3.4 करोड़ टन |
RBI मुद्रास्फीति दर | 4% |
इस जानकारी के आधार पर, भारत में चीनी के उपलब्धता में कोई बड़ी समस्या नहीं देखी जा रही है। बाजार विशेषज्ञ भी इसे स्वागत कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि इससे खाद्य मूल्यों पर नियंत्रण बना रहेगा।