नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अब कुछ विशेष सदस्यों के लिए पीएफ, ग्रेच्युटी और पेंशन के नियम में संशोधन किया है। इस संशोधन के अनुसार, इन सदस्यों को अब उपरोक्त लाभ नहीं मिलेगा। यह संशोधन नियम 13 में किया गया है।
सरकार का तर्क है कि एक समय पर दो सेवाओं का लाभ नहीं उठाया जा सकता। इसलिए, इन सदस्यों को पेंशन और पीएफ के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
लाभ नहीं मिलेगा इन लोगों को:
केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (ITAT) और वस्तु एवं सेवा कर (GST) न्यायाधिकरण के सदस्यों को ग्रेच्युटी, पेंशन और पीएफ का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही, ट्रिब्यूनल सदस्यता को पूर्णकालिक नौकरी की श्रेणी में रखा जाएगा।
क्यों ऐसा हुआ:
पहले, उच्च न्यायालय या सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को उनकी चालू सेवा में ही ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष या सदस्य के रूप में नियुक्त किया जाता था। लेकिन अब, वे ट्रिब्यूनल में शामिल होने से पहले अपनी मूल सेवा से इस्तीफा देने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के लिए मजबूर होंगे।
वकीलों का भी हुआ था बाहर:
यह बदलाव उस समय में आया है, जब सरकार लंबित टैक्स मामलों के शीघ्र निपटान के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना की प्रक्रिया में है। पहले ही सरकार ने वकीलों को न्यायिक सदस्य बनने से बाहर कर दिया था।