भारत और कनाडा के बीच वाणिज्यिक संबंधों में आए तनाव का असर अब हमारी रसोई तक पहुंच सकता है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद इस तनाव की गहराई बढ़ रही है और इसका सीधा असर मसूर दाल की कीमतों पर हो सकता है।
भारत, जो कनाडा से प्रमुख रूप से मसूर दाल आयात करता है, अब अन्य विकल्पों की ओर देख रहा है। ऑस्ट्रेलिया भारत के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, भारतीय बाजार में मसूर दाल की कीमतों में वृद्धि की संभावना भी है।
असर कुछ यूँ समझिए
- क्या भारत केवल कनाडा पर ही मसूर दाल के लिए निर्भर है?
- नहीं, भारत ऑस्ट्रेलिया से भी मसूर दाल आयात करता है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में घरेलू उत्पादन भी होता है।
- मसूर दाल की कीमतों में वृद्धि की संभावना क्यों है?
- कनाडा में मसूर का उत्पादन घटने के कारण और भारत और कनाडा के बीच तनाव के कारण मसूर दाल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
- भारत में मसूर दाल की सालाना खपत कितनी है?
- भारत में मसूर की सालाना खपत 18 से 20 लाख टन है।
- क्या भारत अन्य देशों से मसूर दाल का आयात कर सकता है?
- हां, भारत ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी मसूर दाल का आयात कर सकता है।
इस तरह, भारत और कनाडा के बीच तनाव का असर आम जनता की जेब पर भी पड़ सकता है। आइए देखते हैं कि आगे इस मुद्दे पर कैसे समाधान किया जाता है।