रूस में एलपीजी (Liquefied Petroleum Gas) की कीमतें दिसंबर 2024 में आधी हो गई हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जहां नवंबर में एलपीजी की कीमत 28,000 रूबल थी, वहीं यह दिसंबर के आखिर तक 14,000 रूबल (लगभग 140 डॉलर) पर आ गई।
रूस में एलपीजी का इस्तेमाल खाना पकाने, हीटिंग, कारों में ईंधन के रूप में और पेट्रोकेमिकल्स के उत्पादन में होता है। कीमतों में इस गिरावट का बड़ा कारण यूरोपीय यूनियन के रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हैं, जिससे एलपीजी के एक्सपोर्ट में गिरावट आई है।
एलपीजी कीमतें क्यों घटीं?
- यूरोपीय प्रतिबंध:
यूरोप रूस का बड़ा एलपीजी खरीदार था। 20 दिसंबर 2024 को लागू हुए प्रतिबंधों के कारण रूस का एक्सपोर्ट रुक गया। - घरेलू सप्लाई में बढ़ोतरी:
एक्सपोर्ट रुकने से रूस के घरेलू बाजार में एलपीजी की आपूर्ति बढ़ गई, जिससे कीमतें आधी हो गईं।
दूसरे देशों को एक्सपोर्ट बढ़ाया
यूरोप से कटने के बाद रूस ने चीन, मंगोलिया, अर्मीनिया, जॉर्जिया, और अज़रबैजान जैसे देशों को एलपीजी का निर्यात बढ़ा दिया है। चीन ने भी रूस से एलपीजी इंपोर्ट बढ़ाने पर विचार किया है।
भारत के लिए संभावनाएं
रूस से सस्ते दामों पर क्रूड ऑयल इंपोर्ट करने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या भारत सस्ते एलपीजी आयात पर विचार करेगा।
- सस्ते कच्चे तेल का उदाहरण:
फरवरी 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद भारत ने रूस से सस्ता क्रूड ऑयल इंपोर्ट किया। इससे तेल कंपनियों को लाभ हुआ, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें आम जनता के लिए नहीं घटीं। - क्या एलपीजी भी सस्ता होगा?
अगर भारत रूस से सस्ती एलपीजी खरीदता है, तो यह देखना होगा कि इसका फायदा आम जनता तक पहुंचता है या नहीं।
भारत में एलपीजी की स्थिति
भारत में एलपीजी की बढ़ती कीमतें आम जनता के लिए चिंता का विषय हैं। 1 जनवरी 2025 को सरकारी तेल कंपनियां एलपीजी कीमतों की समीक्षा करेंगी। ऐसे में रूस से आयात एक संभावित राहत हो सकती है।
मुख्य तथ्य: एक नजर में
विषय | जानकारी |
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रूस में एलपीजी कीमत | नवंबर 2024: 28,000 रूबल → दिसंबर 2024: 14,000 रूबल |
घटी कीमतों का कारण | यूरोपीय देशों के प्रतिबंध और घरेलू सप्लाई बढ़ना |
एक्सपोर्ट देश | चीन, मंगोलिया, अर्मीनिया, जॉर्जिया, अजरबैजान |
भारत की स्थिति | 1 जनवरी 2025 को नई कीमतों की घोषणा |
रूस में एलपीजी की घटती कीमतें भारत जैसे देशों के लिए एक अवसर हो सकती हैं। लेकिन यह भारत सरकार और तेल कंपनियों पर निर्भर करता है कि वे इस अवसर का उपयोग आम जनता को राहत देने के लिए करते हैं या नहीं।