सालाना बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न में बड़ा बदलाव होने की तैयारी है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार, अब बोर्ड परीक्षाएं वर्ष में दो बार होंगी। इस निर्णय का उद्देश्य छात्र-छात्राओं को उनके अध्ययन के प्रति अधिक समर्पित बनाने और उन्हें अच्छे अंक प्राप्त करने के अधिक अवसर प्रदान करने का है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को हुई एक बैठक के बाद यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं का नया ढांचा तैयार हो चुका है और 2024 के शिक्षा सत्र में इसके अनुसार किताबें भी तैयार होंगी।
प्रधान के अनुसार, बोर्ड परीक्षाओं की दो बार होने का मुख्य उद्देश्य है साल में एक बार होने वाले हाई-प्रेशर को कम करना ताकि बच्चों का ध्यान विषयों पर बना रहे। इसके बाद राज्यों के शिक्षा बोर्ड इसे लागू करने के लिए निर्देश जारी कर सकते हैं।
यह योजना अभी सरकार के समक्ष है और इस पर अंतिम फैसला अभी बाकी है। प्रधान ने कहा कि नई शिक्षा नीति का कॅरिकुलम तैयार करने का काम पूरा हो चुका है और वह केंद्र सरकार को सौंप दिया गया है।
दो बार बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन के लिए कई कारण बताए गए हैं। इससे छात्र स्वयं की तैयारी का मूल्यांकन कर सकेंगे। उन्हें एक ही विषय या उससे संबंधित तथ्यों को साल भर याद रखने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा, यह उनकी समझ और योग्यता का अधिक सही मूल्यांकन करने में सहायता करेगा। इससे विषयों की गहराई से समझने की क्षमता और प्रायोगिक कौशलों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।