बिहार की राजधानी पटना में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए सरकार लगातार नई-नई परियोजनाओं पर काम कर रही है। इन्हीं में से एक प्रमुख परियोजना है “बिहार एलिवेटेड रोड”, जो अनीसाबाद से एम्स तक लगभग 7 किलोमीटर के दायरे में बनाया जाएगा। इस एलिवेटेड रोड का मकसद राजधानी पटना के बढ़ते ट्रैफिक को सुगम बनाना और यात्रियों को बेहतर आवागमन सुविधा उपलब्ध कराना है। पथ निर्माण विभाग को इस महत्वपूर्ण परियोजना की पूरी जिम्मेदारी सौंप दी गई है, ताकि निर्माण कार्य ससमय पूरा हो सके और शहर की सड़क यातायात व्यवस्था में सुधार लाया जा सके।
पटना शहर दिन-ब-दिन विस्तारित होता जा रहा है, जिसकी वजह से यातायात का दबाव भी तेज़ी से बढ़ रहा है। मुख्य मार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें और जाम आम बात हो गई है, जिससे लोगों को आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अनीसाबाद से लेकर एम्स तक बनने वाले इस एलिवेटेड रोड की मदद से मुख्य मार्गों को डायवर्ट किया जाएगा, जिससे सड़क पर भारी वाहनों और निजी गाड़ियों का दबाव कम होगा। इससे यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी और समय की बचत भी होगी।
शुरुआती योजना के अनुसार यह परियोजना केंद्र सरकार की ओर से पूरी की जानी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण समेत अन्य चुनौतियों के कारण राज्य सरकार को ही निर्माण की ज़िम्मेदारी संभालनी पड़ी। अब पथ निर्माण विभाग इस पूरे कार्य की देखरेख करेगा और राज्य सरकार भूमि अधिग्रहण से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करेगी। माना जा रहा है कि इस कदम से परियोजना की रफ्तार तेज़ होगी, क्योंकि राज्य सरकार स्थानीय जरूरतों और बाधाओं को बेहतर ढंग से समझकर त्वरित निर्णय ले सकती है।
किसी भी बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना में भूमि अधिग्रहण एक बड़ा मुद्दा होता है। स्थानीय निवासियों की आपत्तियाँ, मुआवज़े की दरें और अन्य कानूनी बाधाएँ अक्सर काम में रुकावट पैदा करती हैं। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने यह जिम्मेदारी राज्य सरकार को सौंपी, ताकि स्थानीय प्रशासन के सहयोग से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया सरलता और पारदर्शिता से पूरी की जा सके। राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित लोगों को उचित मुआवज़ा दिया जाएगा और उनकी सहमति को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
बिहार एलिवेटेड रोड की योजना पटना के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे ना सिर्फ शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए भी एक आधार तैयार होगा। एलिवेटेड रोड के निर्माण से हादसों की संभावना भी कम होगी, क्योंकि बड़े वाहनों और छोटे वाहनों का आवागमन अलग-अलग मार्गों से हो सकेगा। साथ ही, ज़मीनी स्तर पर यातायात की भीड़ कम होने के कारण प्रदूषण में भी कमी आने की उम्मीद है। इस से सीधा नौबतपुर और बिक्रम तक के लोगो को शहर में आने जाने में आसानी होगी.z