अमेरिका कर रहा युद्ध में हथियारों का व्यापार
इसराइल हमास के बीच चल रहे युद्ध का व्यापक असर सभी देशों के व्यावसायिक आंकड़ों पर पड़ने वाला है, सिर्फ भारत की बात की जाए तो दवा, कच्चा तेल, कॉरपोरेट सेक्टर, 5G उपकरण सप्लाई, एक्सपोर्ट, हीरा का निर्यात इन तमाम व्यवसायों पर भारी असर देखने को मिलेगा। इसी बीच अमेरिका के प्रधानमंत्री ने एक ऐसा गांव चला है जो की युद्ध में शांति एवं ईरान तथा अरब एवं सब सभी मुस्लिम देशों को अपने पैर पीछे खींचने पर मजबूर कर दिया है।
गाजा संकट: जो बाइडेन का संदेश, अरब समेत तमाम देशों के लिए बड़ा संदेश
अमेरिका के राष्ट्रपति ने स्पष्टता से व्यक्त किया है कि गाजा पर कब्जा गंभीर भूल होगी, जिसका संदर्भ सिर्फ इजराइल नहीं, बल्कि संपूर्ण अरब जगत से भी जुड़ा है। वहीं अमेरिकी और ईरानी विदेश मंत्री ने अरब देशों का दौरा किया, जिससे गाजा मुद्दे पर तनाव में वृद्धि हुई. इस बीच, नेतन्याहू के ग्राउंड अटैक की घोषणा ने क्षेत्र में हलचल मचा दी।
हमास का समर्थन करने वाला ईरान
ईरान छोड़कर अन्य अरब देश हमास का समर्थन नहीं कर रहे हैं. हालांकि, गाजा में नागरिकों पर हमले से अरब दुनिया चिंतित है, लेकिन हमास को समर्थन नहीं मिल रहा है।
बाइडेन का बयान: क्या है असल मतलब?
बाइडेन का यह बयान इजराइल के प्रति न केवल सख्ती दिखा रहा है, बल्कि अरब देशों को भी अपने कदम पीछे खींचने के लिए प्रेरित कर रहा है. उनके शब्दों में स्पष्टता है कि गाजा पर किसी भी प्रकार का कब्जा या अतिक्रमण स्वीकार्य नहीं होगा.
महत्वपूर्ण सूचना तालिका:
देश | हमास के प्रति स्थिति | गाजा संकट पर प्रतिक्रिया |
---|---|---|
सऊदी अरब | समर्थन नहीं | चिंतित, लेकिन सक्रिय कदम नहीं |
यूएई | समर्थन नहीं | शांतिपूर्ण समाधान की अपील |
मिस्र | समर्थन नहीं | मध्यस्थता कर रहा है |
जॉर्डन | समर्थन नहीं | हिंसा के खिलाफ व्यक्त किया |
ईरान | समर्थन | हमास की क्रियाओं की प्रशंसा |
FAQs:
- क्या जो बाइडेन ने गाजा पर कब्जे के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाया है?
- अभी तक कोई ऐसा कदम उठाया गया नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी नीति स्पष्ट करते हुए कब्जे के खिलाफ आपत्ति जताई है.
- अरब देश हमास का समर्थन क्यों नहीं कर रहे हैं?
- हमास की चरमपंथी नीतियों और उनके हिंसक तरीकों के कारण अधिकतर अरब देश हमास का समर्थन नहीं कर रहे हैं.
- ईरान का हमास में रुचि क्यों है?
- ईरान हमास को इस्तेमाल करता है।