आज के दिन अंडमान-निकोबार द्वीप समूह को नया एयरपोर्ट प्राप्त हुआ, जिसकी लागत 710 करोड़ रुपए है। यह एयरपोर्ट भारत सरकार द्वारा समर्पित किया गया है।

बढ़ती कनेक्टिविटी

इस नए एयरपोर्ट के माध्यम से दिल्ली, चेन्नई और विशाखापट्टनम के लिए सीधी उड़ानों की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही यह आशा जताई जा रही है कि भारत में आने वाले दिनों में इसकी कनेक्टिविटी और भी बढ़ेगी।

वाटर ड्रोन स्थापना

एयरपोर्ट के अलावा, द्वीप समूह में 4 नए वाटर ड्रोन भी स्थापित किए जा रहे हैं। इन ड्रोन्स का उद्देश्य द्वीप समूह की समुद्री यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाना है।

आर्थिक विकास

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह उम्मीद जताई की इसके साथ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का आर्थिक विकास होगा। एयरपोर्ट और वाटर ड्रोन्स की स्थापना से यातायात की सुविधा बढ़ने से पर्यटन उद्योग में विस्तार हो सकता है, जो निवेश और रोजगार सृजन में बढ़ोतरी कर सकता है।

महत्वपूर्ण जानकारी:

प्रमुख बिंदुविवरण
एयरपोर्ट की लागत710 करोड़ रुपए
कनेक्ट करने वाले शहरदिल्ली, चेन्नई, विशाखापट्टनम
नई सुविधाएं4 वाटर ड्रोन्स
विकास का प्रतीकआर्थिक विकास और निवेश

 

आज अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से 710 करोड़ रुपए का एयरपोर्ट भारत को समर्पित किया जा रहा है। इससे दिल्ली-चेन्नई-विशाखापट्टनम के लिए कनेक्टिविटी होगी और आने वाले दिनों में इससे भी ज़्यादा कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इसके साथ ही 4 वाटर ड्रोन भी स्थापित किए जाएंगे। इससे अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का आर्थिक विकास होगा: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,

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