बिहार के बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक अच्छी खबर है। दक्षिण और उत्तर बिहार विद्युत वितरण कंपनी ने स्मार्ट मीटर वाले ग्राहकों को प्रति यूनिट बिजली 25 पैसे सस्ती देने का प्रस्ताव रखा है। कंपनी का मानना है कि इससे बिजली का सही इस्तेमाल बढ़ेगा और लोगों पर बोझ भी कम होगा।
खरमास के बाद आएगा प्रस्ताव जनसुनवाई में
जानकारी के मुताबिक, खरमास के बाद इस प्रस्ताव को जनसुनवाई के लिए रखा जाएगा। इस पहल से ख़ास तौर पर किसानों और छोटे व्यापारियों को राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बिजली के खर्च में सीधी कटौती देखने को मिलेगी।
किसान-व्यापारी होंगे फायदे में
कंपनी ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पर किसानों और व्यापारियों को कई तरह के फ़ायदे देने की बात कही है। जैसे कि फैक्टर सरचार्ज हटाने की योजना और तय सीमा से ज़्यादा बिजली इस्तेमाल करने पर जुर्माना नहीं लगाने की बात कही गई है। इससे खेती-किसानी और व्यापार पर आने वाला अतिरिक्त बोझ कम हो जाएगा।
ग्रामीण इलाकों को स्लैब दर में राहत
गाँवों में बढ़ते बिजली बिल को देखते हुए स्लैब सिस्टम में भी ढील देने की प्लानिंग चल रही है। मतलब ये कि बिजली इस्तेमाल के हिसाब से स्लैब में कुछ रियायत मिलेगी, जिससे ग्रामीण परिवारों का बिल कम आएगा और वे आसानी से बिजली की सुविधा ले सकेंगे।
टीओडी टैरिफ से अतिरिक्त बचत
स्मार्ट मीटर उपभोक्ता टाइम ऑफ़ डे (टीओडी) टैरिफ का भी फ़ायदा उठा पाएंगे। इसमें पीक आवर्स (उच्च माँग वाले समय) में बिजली महँगी होगी और ऑफ़-पीक आवर्स (कम माँग वाले समय) में सस्ती। इस तरह लोग अपनी बिजली खपत को मैनेज करके बिल में और भी बचत कर सकेंगे।
बिजली चोरी पर सख़्त रुख
पटना में 27 दिसंबर को स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का पहला मामला सामने आया है, जहाँ रिमोट से मीटर बंद करके चोरी की गई थी। इस घटना के बाद विभाग ने निगरानी और भी कड़ी कर दी है। अब स्मार्ट मीटरों की लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी और चोरी करने वालों पर सख़्त कार्रवाई होगी।
उद्योगों से अलग, आम उपभोक्ताओं को ही फ़ायदा
बिजली कंपनी के अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि इस प्रस्ताव में उद्योगों को शामिल नहीं किया जाएगा। यानी आम उपभोक्ताओं की बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी, बल्कि स्मार्ट मीटर की वजह से उन्हें ही ज़्यादा लाभ मिलेगा। इससे पारदर्शिता भी रहेगी और बिजली बिलों में बचत का रास्ता भी खुलेगा।