दिल्ली में हुई बैठक के बाद ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की रूपरेखा पूरी हो गई है। बारिश के बाद भूमि अधिग्रहण का काम शुरू होगा। भूमि अधिग्रहण के बाद एजेंसी का चयन करके सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी घटेगी
गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी एक्सप्रेसवे के बनने के बाद केवल 519 किलोमीटर रह जाएगी। यह सड़क सफर का समय 18 घंटे से घटाकर 9 घंटे कर देगी। बिहार के 6 जिलों से होकर गुजरेगी यह सड़क, जिसमें पश्चिमी चंपारण भी शामिल है।
बिहार में का हिस्सा
बिहार में इस एक्सप्रेसवे का कुल 416.2 किलोमीटर हिस्सा होगा। मुख्य रूप से यह सड़क पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, अररिया, और किशनगंज जिलों से होकर गुजरेगी। मधुबनी जिले में सबसे लंबा हिस्सा होगा, कुल 94 किलोमीटर का।
बजट और खर्च
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण में करीबन 3160 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अधिकतर एंट्री पॉइंट नहीं बनाए जाएंगे ताकि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे अपने नाम के अनुसार, कम से कम रुकावटों के साथ ट्रैफिक को सपोर्ट कर सके।
NHAI के परियोजना निदेशक अमरेस शर्मा का कहना है कि सड़क का एरियल सर्वे शुरू हो चुका है। बारिश के मौसम के बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होने की संभावना है। जमीन का अधिकरण होने के बाद निर्माण का काम किया जाएगा।