दो तरह के बीमा प्रचलित
वाहन बीमा दो तरह का होता है, पहला थर्ड पार्टी और दूसरा कंप्रहेंसिव । थर्ड पार्टी बीमा के तहत पॉलिसी धारक को तब कवर मिलता है, जब उसके वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति की जिंदगी या संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। दूसरे शब्दों में, आपके वाहन का थर्ड पार्टी बीमा उस व्यक्ति को फायदा पहुंचाता है जिसे आपके वाहन से नुकसान हुआ है। इसी तरह दूसरा है कंप्रहेंसिव बीमा। इसके तहत वाहन चोरी होने या हादसा होने पर होने वाले नुकसान की भरपाई करना बीमा कंपनी की है जिम्मेदारी।
इन परिस्थितियों में मुआवजा के हकदार
आगजनी, चोरी, लूटपाट, किसी चीज के गिरने से वाहन को नुकसान, द्वेषपूर्ण गतिविधि, आतंकी गतिविधियां, चोरी, दंगे और हड़ताल, भूकम्प आदि की वजह से होने पर वाहन मालिक बीमा कंपनी से मुआवजा पाने का हकदार है। इसमें कुछ शर्तें और बीमा के प्रकार पर निर्भर है।
इस स्थिति में नहीं मिलेगा बीमा का राशि.
यदि कोई शराब पीकर वाहन चलाता है तो हादसा होने पर बीमा का लाभ नहीं मिलेगा। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने और बगैर पंजीकृत वाहन चलाने पर कंपनी मुआवजा नहीं देती है। निजी वाहन व्यावसायिक मकसद से इस्तेमाल करने पर भी बीमा लाभ से वंचित हो सकते हैं.
दुर्घटना पर नहीं हैं कोई दिक़्क़त
वैध बीमा होने पर दुर्घटना स्थल पर समझौता करने के बजाय कुछ तय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए और दूसरे पक्ष को भी पुलिस के पास चलने के लिए कहना चाहिए। कानून के अनुसार वाहन का बीमा होने पर वाहन मालिक के ऊपर नुकसान की भरपाई करने की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है । -कुमार उत्कर्ष, अधिवक्ता, दिल्ली हाईकोर्ट