अगर आप ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अब इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ी खराब होने पर आपको 5,000 से 20,000 रुपये तक का चालान भरना पड़ सकता है। आइए जानें इस फैसले के पीछे का कारण और कैसे आप इससे बच सकते हैं।
क्यों लिया गया यह फैसला?
ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों के खराब होने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे गंभीर जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। रोजाना यहां से करीब 5 लाख वाहन गुजरते हैं, और एक छोटी सी गड़बड़ी भी पूरे ट्रैफिक को घंटों तक रोक सकती है। यह न सिर्फ यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनता है, बल्कि आपातकालीन सेवाओं को भी प्रभावित करता है।
पुलिस क्या कहती है?
यातायात पुलिस ने एक्सप्रेसवे को अब ‘ब्रेकडाउन चालान क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। डीसीपी ट्रैफिक लक्ष्मी सिंह के अनुसार:
- गाड़ी खराब होने से ट्रैफिक जाम करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम की धारा 201 के तहत जुर्माना लगाया जाएगा।
- जुर्माना 5,000 से 20,000 रुपये तक हो सकता है।
- गंभीर मामलों में गाड़ी को सीज भी किया जा सकता है।
किन गाड़ियों पर लागू होगा चालान?
- समय पर सर्विसिंग न होने वाली गाड़ियाँ: जो वाहन नियमित रूप से मेंटेन नहीं किए गए हैं।
- पुराने और खराब हालत वाले वाहन: जिनकी स्थिति सड़क पर चलने योग्य नहीं है।
- ओवरलोडेड वाहन: जिनमें क्षमता से अधिक सामान या यात्री हैं।
चालान से बचने के लिए क्या करें?
- नियमित सर्विसिंग: अपनी गाड़ी की समय-समय पर जांच और मेंटेनेंस कराएं।
- सफर से पहले जांच: लंबे सफर पर निकलने से पहले वाहन की विस्तृत जांच करें।
- ओवरलोडिंग से बचें: गाड़ी में निर्धारित क्षमता से अधिक सामान या यात्री न ले जाएं।
- कागजात पूरे रखें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस आदि साथ रखें।
यह कदम क्यों है जरूरी?
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ता है। यहां जाम लगने से:
- लाखों यात्रियों को दैनिक आधार पर परेशानी होती है।
- आपातकालीन सेवाएं जैसे एंबुलेंस, पुलिस और फायर ब्रिगेड देरी से पहुंचती हैं।
- आर्थिक दृष्टि से समय और ईंधन की बर्बादी होती है।
अतिरिक्त सावधानियाँ:
- अगर आपकी गाड़ी पुरानी है, तो उसे समय रहते अपग्रेड करें या आवश्यक सुधार करें।
- एक्सप्रेसवे पर चलते समय निर्धारित गति सीमा का पालन करें।
- किसी भी आपात स्थिति में पुलिस हेल्पलाइन या एक्सप्रेसवे की सहायता सेवाओं से संपर्क करें।