स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित किया। इस महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक समय पर, पीएम ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए एक अच्छी खबर का ऐलान किया। उन्होंने घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज में राहत देने की योजना की घोषणा की है।
गरीबों और किराए के घरों में रहने वालों के लिए आशा की किरण
प्रधानमंत्री ने संबोधन में कहा कि उनकी सरकार गरीबों और किराए पर रहने वालों के लिए एक नई योजना की तैयारी में है, जिससे उन्हें स्वयं का घर मिल सके। इस योजना के तहत, गरीबों और जो लोग किराए पर रहते हैं, उन्हें होम लोन पर दिए जाने वाले ब्याज में सब्सिडी प्राप्त होगी।
रेपो रेट के बढ़े असर को कम करने का प्रयास
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मई, 2022 से अब तक रेपो रेट में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि की है, जिससे लोन के ब्याज भी बढ़ गए हैं। प्रधानमंत्री ने इस बढ़ते रेपो रेट के असर को कम करने के लिए योजना बनाने की घोषणा की है ताकि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को लोन पर आराम से भुगतान कर सकें।
रेपो रेट का मतलब क्या होता है?
रेपो रेट एक दर होती है, जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज देता है। जब महंगाई बढ़ती है तो रेपो रेट बढ़ा दिया जाता है, जिससे बैंकों को कर्ज मिलने की दरें बढ़ जाती हैं। इससे बैंकों के पास पैसे उधार देने की कमी होती है और उन्हें अपने ब्याज दरें भी बढ़ानी पड़ती हैं।
रेपो रेट की बढ़ोतरी के चलते लोनों की महंगाई
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में हुई बढ़ोतरी के कारण, होम लोन सहित कई प्रकार के लोन महंगे हो गए हैं। यह सिर्फ घर खरीदने वालों के लिए ही नहीं बल्कि बिजनेस और व्यक्तिगत ऋण लेने वालों के लिए भी एक चुनौतीपूर्ण स्थिति बन गई है।
पीएम मोदी की उपयोगी योजना से गरीबों को मिलेगा लाभ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना से गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को घर की सपने की पूर्ति का मौका मिलेगा। यह सरकार का प्रयास है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की मदद कर सकें और उन्हें सुख-शांति से जीवन जीने का अवसर प्रदान करें।
पएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश को संबोधित करते हुए गरीबों के लिए घर खरीदने की योजना की घोषणा की है, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी। इसका उद्देश्य महंगाई के प्रभावों को कम करना और आम जनता को आरामदायक लोन पर पहुँचना है। यह एक कदम है गरीबों के साथ सामाजिक समानता और आर्थिक विकास की दिशा में।