अगर आप भी किसी को चेक देते हैं तो ऐसी स्थिति में किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए जिसके वजह से आपके अकाउंट में बैलेंस होने के बावजूद भी चेक बाउंस ना हो और आपकी प्रतिष्ठा पर उंगलियां ना उठे.

1. अकाउंट में बैलेंस न होना या कम होना: यदि आपके खाते में चेक के बराबर राशि नहीं है, तो चेक बाउंस हो सकता है।

2. सिग्‍नेचर मैच न होना: यदि चेक पर लगाए गए हस्ताक्षर बैंक के रिकॉर्ड से मेल नहीं खाते, तो चेक बाउंस हो सकता है।

3. शब्‍द लिखने में गलती: चेक पर गलत जानकारी या अस्पष्ट लेखन के कारण चेक बाउंस हो सकता है।

4. अकाउंट नंबर में गलती: यदि चेक पर खाता संख्या गलत लिखी गई हो, तो चेक बाउंस हो सकता है।

5. ओवर राइटिंग: चेक पर कुछ भी ओवर राइट करने पर या तत्काल बदलाव करने पर चेक बाउंस हो सकता है।

6. चेक की समय सीमा समाप्‍त होना: चेक की मान्यता का समय 3 महीने होता है। यदि यह समय समाप्त हो जाए तो चेक बाउंस हो सकता है।

7. चेक जारी करने वाले का अकाउंट बंद होना: यदि चेक जारी करने वाले का खाता बंद हो गया है, तो चेक बाउंस हो सकता है।

8. जाली चेक का संदेह: यदि बैंक को चेक जाली लगता है, तो वह चेक को बाउंस कर सकता है।

9. चेक पर कंपनी की मुहर न होना: कुछ कंपनियों के मामलों में, चेक पर कंपनी की मुहर अनिवार्य होती है। यदि वह नहीं होती है, तो चेक बाउंस हो सकता है।

 

चेक बाउंस होने पर जुर्माना:

चेक बाउंस होने पर बैंक जुर्माना वसूलता है, जो 150 रुपए से लेकर 750 या 800 रुपए तक हो सकता है। इतना ही नहीं चेक बाउंस को अपराध माना जाता है। भारत में, यदि चेक बाउंस होता है, तो इसे एक अपराध माना जाता है और इसके लिए दो साल की सजा और जुर्माना लग सकता है।

चेक बाउंस होने के बाद मुकदमे की नौबत:

चेक बाउंस होने के बाद, बैंक से लेनदार को एक रसीद दी जाती है। यदि नोटिस के 15 दिनों के अंदर देनदार की तरफ से कोई जवाब नहीं आता, तो लेनदार मजिस्ट्रेट की अदालत में शिकायत दर्ज करा सकता है।

बिहार से हूँ। बिहार होने पर गर्व हैं। फर्जी ख़बरों की क्लास लगाता हूँ। प्रवासियों को दोस्त हूँ। भारत मेरा सबकुछ हैं। Instagram पर @nyabihar तथा lov@gulfhindi.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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