आलू में मिलावट: जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़
भारत के कुछ सब्जीमंडियो में एक नया खतरनाक कारनामें का मामला सामने आ रहा है, ज्ञात हो की इन दिनों कुछ राज्यों में नए आलू आने लगे हैं, इसकी कीमत मौजूदा पुराने आलू की कीमत से दुगनी है, लेकिन इसकी कीमत का फायदा उठाते हुए कुछ कारोबारी पुराने आलू में भी जरूरी केमिकल मिलाकर पुराने आलू को नए आलू की तरह बना दे रहे है। इसका सबसे बड़ा नुकसान जनता के सेहत पर पड़ेगा, ढंग से जान पहचान परख कर खरीदे आलू
नया आलू या मिलावटी आलू?
संभल में व्यापारी पुराने आलू को नया दिखाने के लिए राजस्थान की मिट्टी और केमिकल मिला रहे हैं। पंजाब से आने वाले आलू में भी यही प्रक्रिया हो रही है। इसका असर उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर हो सकता है।
संभल में आलू उत्पादन और भंडारण
फर्रुखाबाद के बाद संभल प्रदेश में आलू उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा जिला है। बीते सीजन में 22 हजार हेक्टेयर में आलू की खेती हुई थी। इससे करीब 6 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ।
मिलावटी आलू की पहचान
जब मिलावटी आलू पर पानी डाला जाता है, वह दो दिन में ही सड़ जाता है। मंडियों में इस पर जाँच हो रही है और मिलावटी आलू पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
महत्वपूर्ण जानकारी
आलू का प्रकार | मूल्य प्रति कुंतल |
---|---|
चिप्सोना आलू | ₹1000 – ₹1300 |
पुखराज आलू | ₹600 – ₹800 |
सामान्य प्रश्न
- क्या संभल में आलू में मिलावट हो रही है?
- हाँ, आलू में मिट्टी और केमिकल मिलावट हो रही है।
- मिलावटी आलू को कैसे पहचानें?
- मिलावटी आलू पर पानी डालने पर वह जल्दी सड़ जाता है।
- संभल में आलू उत्पादन में कौन सा जिला अग्रणी है?
- फर्रुखाबाद के बाद संभल अग्रणी है।
- किस तरह की मिट्टी की मांग है आलू में?
- लाल और पीली मिट्टी की