दाल के दाम में वृद्धि की आशंका: सरकार की संभावित योजना और फायदे
हाल की खरीफ फसलों की बुआई के आंकड़ों के अनुसार दालों की फसल में घटाव देखा गया है। इससे दालों के दाम में वृद्धि हो सकती है। ताजा रिसर्च से यह भी सामने आया है कि मॉनसून की कमजोर स्थिति के कारण खरीफ की फसल और भी पीछे हो सकती है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
आर्थिक विशेषज्ञ योगेंद्र कपूर का मानना है कि सरकार को इस समस्या पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और दामों में अचानक वृद्धि को रोकने के लिए उपाय ढूंढने चाहिए।
यदि सरकार विदेश से दालों का आयात बढ़ाती है, तो:
- दामों में स्थिरता आ सकती है।
- उपभोक्ताओं को वांछित मात्रा में दाल मिल सकती है।
- अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सकती है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
विषय | विवरण |
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खरीफ फसल की बुआई | पिछले साल – 75.5%, इस साल – 75.3% |
दाल की फसल का घटाव | 11.3% |
कपास की फसल का घटाव | 1% |
बुआई में कमी | 1.23 मिलियन हेक्टेयर |
राज्य जहाँ बुआई बढ़ी | यूपी, राजस्थान |
राज्य जहाँ बुआई में कमी | कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र |
प्याज का थोक भाव | महाराष्ट्र – ₹1370 से ₹1700, दिल्ली – ₹1450 से ₹1850 प्रति क्विंटल |