नई दिल्ली: पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में, पांच कंपनियों ने पुराने डीजल जनरेटरों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने की पहल की है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने इस प्रयास में इन कंपनियों को जनरेटर की विभिन्न क्षमताओं की श्रेणियों में सूचीबद्ध किया है। डीजल जनरेटरों से उत्सर्जन दिल्ली-NCR क्षेत्र में प्रदूषण के मुख्य कारणों में से एक है, इसलिए इसके नियंत्रण के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
पर्यावरण के लिए कदम:
- प्रतिबंध और अनुमति: दिल्ली में, विशेष रूप से सर्दियों के दौरान, पिछले पांच वर्षों से डीजल जनरेटरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। पिछले वर्ष, केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पुराने मानकों के डीजल जनरेटरों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
- विकल्प और समाधान: अब केवल दोहरे ईंधन और सीएनजी से चलने वाले जनरेटरों का उपयोग किया जा सकता है, और नए मानकों के अनुसार डीजल से चलने वाले जनरेटर ही मान्य होंगे।
लाभ और महत्व:
इस पहल से न केवल पर्यावरण की रक्षा में मदद मिलेगी, बल्कि यह दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके अलावा, यह विकल्प ऊर्जा संरक्षण और स्थायी विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।