देश में सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए Department of Telecommunications (DoT) के द्वारा अहम फैसला लिया गया है। DoT के द्वारा करीब 85 lakh mobile connections को डिस्कनेक्ट कर दिया गया है। 78.33 lakh mobile connections के द्वारा गलत डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल किया गया था और 6.78 lakh connections को साइबर क्रिमिनल एक्टिविटी में लिप्त पाया गया था।
(KYC) के जरिए पूरी की जा रही है प्रक्रिया
अधिकारियों के द्वारा इस बात की जानकारी दी गई है कि प्रक्रिया के लिए केवाईसी का सहारा लिया गया है। DoT के द्वारा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए नहीं गाइडलाइन जारी की गई है ताकि किसी भी व्यक्ति के द्वारा मोबाइल कनेक्शन का गलत इस्तेमाल न किया जा सके। नए गाइडलाइन के अनुसार अब franchisees, distributors, और agents की जानकारी रखी जायेगी।
इस बात से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कस्टमर का एनरोलमेंट ज्यादा सिक्योर और ट्रांसपेरेंट है। नई गाइडलाइन के अनुसार अब हर टेलीकॉम कंपनियों को प्रत्येक PoS के इंडिस्प्यूटेबल वेरिफिकेशन करना होगा। इसमें biometric verification, physical address verification शामिल है। वहीं Jammu & Kashmir, Assam, और North Eastern License Service Areas में पुलिस वेरिफिकेशन भी करना होगा।