दुबई में एक कंपनी को अपने एक कर्मचारी को 2 लाख दिरहम (लगभग 45 लाख रुपये) का हर्जाना देना होगा। दरअसल, कंपनी ने कर्मचारी पर फर्जी आरोप लगाए थे, जिसकी वजह से उसे 9 महीने तक विदेश यात्रा करने पर पाबंदी लग गई थी.
क्या हुआ था?
- कर्मचारी ने कंपनी में काम करते हुए अपने कॉन्ट्रैक्ट पेपर्स में हेराफेरी कर ज्यादा वेतन पाने का आरोप कंपनी ने लगाया था।
- इस आरोप के चलते, कर्मचारी को पुलिस के पास शिकायत के लिए बुलाया गया।
- हालांकि, जांच में पाया गया कि ये आरोप पूरी तरह से गलत थे। दरअसल, कंपनी कर्मचारी को उसके हक़ का वेतन नहीं देना चाहती थी, इसलिए उसने ये झूठा आरोप लगाया था।
कर्मचारी को हुई परेशानी
- गलत आरोप की वजह से कर्मचारी को 9 महीने तक विदेश यात्रा करने की इजाजत नहीं मिली।
- इस दौरान वो अपनी बीमार मां से मिलने के लिए भी अपने देश नहीं जा सका, और ना ही वो अपनी मां के अंतिम संस्कार में शामिल हो पाया।
- इतना ही नहीं, फर्जी केस की वजह से उसे नई नौकरी ढूंढने में भी परेशानी हुई।
कोर्ट का फैसला
- इस मामले की सुनवाई के बाद दुबई की सिविल कोर्ट ने कर्मचारी के हक में फैसला सुनाया।
- कोर्ट ने माना कि कंपनी ने गलत आरोप लगाकर कर्मचारी को मानसिक और आर्थिक परेशानी पहुंचाई है।
- इसलिए कंपनी को कर्मचारी को 2 लाख दिरहम हर्जाना देने का आदेश दिया गया है। साथ ही, वकील की फीस और बाकी खर्चे भी कंपनी को ही उठाने होंगे।