महाराष्ट्र में नौ मार्च 2020 को दुबई से लौटे एक दंपती में कोरोना वायरस पॉजिटिव होने का पहला मामला सामने आया था। वहीं, कोरोना वायरस की चपेट में आने से पहली मौत 17 मार्च को हुई थी। उसके बाद से महाराष्ट्र में संक्रमित लोगों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती गई और यह सिलसिला लगातार जारी है। महाराष्ट्र में शनिवार को कोरोना वायरस के 6 नए मरीज सामने आए जिससे राज्य में मरीजों की संख्या 177 हो गई है। वहीं, मुंबई में भी कोरोना पॉजिटिव के मरीजों की संख्या बढ़कर 60 तक पहुंच गई है। अकेले मुंबई में ही 113 लोग आइसोलेशन में रखे गए हैं। राज्य में कोरोना वायरस के पांच मरीजों की मौत हो चुकी है।
राज्य में अब तक 16, 513 लोगों को क्वारंटीन किया गया है जबकि 250 संक्रमित लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं, 24 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी किया जा चुका है। यही नहीं, महाराष्ट्र में सबसे पहले कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए दुबई से लौटे दंपती सहित उनकी बेटी, कैब चालक और एक अन्य सहयात्री को अस्पताल से छुट्टी भी दी जा चुकी है।
लेकिन सांगली में एक ही परिवार के 23 लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने से सरकार की चिंता बढ़ गई है। सांगली जिले के इस्लामपुर गांव निवासी इस परिवार के लोग सऊदी अरब में उमरा करने गए थे। वहां से लौटने के बाद पूरा परिवार संक्रमित हो गया है।
विदेश से लौटे लोगों के संपर्क में आने से फैला संक्रमण
महाराष्ट्र में जब संक्रमण का पहला स्टेज चल रहा था तब विदेश से मुंबई आने वाले सभी विमानों के यात्रियों की स्क्रीनिंग नहीं की गई। लिहाजा, कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे। मुंबई, पुणे सहित अन्य अस्पतालों में भर्ती लगभग आधे मरीज विदेश से लौटे लोगों के संक्रमण के कारण कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। लेकिन मामला बढ़ने पर लोगों को क्वरंटीन किया जाने लगा जिससे संक्रमण फैलने से रोकने में काफी मदद मिली।
दिहाड़ी मजदूर और आदिवासियों पर भूखे रहने की नौबत महाराष्ट्र में दूसरे राज्यों से आए दिहाड़ी मजदूर और आदिवासी नागरिकों को 21 दिन के लॉकडाउन के चलते भूखों रहने की नौबत आ गई है। भिवंडी के नजदीक भिनार पाड़ा के आदिवासी पांच दिन तक पानी पीकर रहा। अब सामाजिक संस्थाएं आगे आई हैं जो दिहाड़ी मजदूरों और आदिवासियों की मदद कर रही हैं।
मुंबई की झुग्गियों में कोरोना का गंभीर संकट
आर्थिक राजधानी मुंबई देश के अन्य किसी राज्यों की तुलना में कोरोना वायरस से ज्यादा प्रभावित है। अब तक मुंबई में कोरोना वायरस से एक डॉक्टर सहित 6 लोगों की मौत हो चुकी है। हाल ही में मुंबई की एक झुग्गी बस्ती वाले इलाके में एक महिला को कोरोना से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
यह मामला सामने आने के बाद प्रशासन के हाथपांव फूल गए हैं। बीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी मानते हैं कि सघन आबादी वाले इलाके में तेजी से संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए हर जगह रसायन का छिड़काव किया जा रहा है।
अप्रैल-मई तक महाराष्ट्र में हो सकते हैं ढाई करोड़ मरीज : अमेरिकी रिपोर्ट देश में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर महाराष्ट्र में हैं। अमेरिका की जॉन हॉफकिन्स युनिवर्सिटी एंड रिसर्च फॉर डिसीजेस डायनॉमिक्स, इकोनॉमिक एंड पॉलिसी (सीडीडीईपी) ने रिपोर्ट जारी कर अनुमान लगाया है कि अप्रैल-मई महीने में महाराष्ट्र में कोविड-19 के करीब ढाई से तीन करोड़ मरीज हो सकते हैं। इस रिपोर्ट में मुंबई की सघन बस्तियों में तेजी से वायरस फैलने की आशंका जताई गई है। ऐसे में समस्या बढ़ सकती है।
15-20 दिन काफी अहम हैं : उद्धव
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए अगले 15-20 दिन महत्वपूर्ण हैं। राज्य के कई इलाकों में अभी कोरोना वायरस नहीं पहुंचा है। हम चाहते हैं कि ये इलाके महफूज रहे और कोरोना से युद्ध में विजय हासिल करें।GulfHindi.com
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