नई दिल्ली, एजेंसी: केंद्र सरकार ने खाद्य तेल के आयात पर लागू सीमा शुल्क में कटौती की मियाद को बढ़ा दिया है। यह निर्णय खाना पकाने के तेल की कीमतों पर नियंत्रण रखने के लिए लिया गया है। अब यह कटौती मार्च 2025 तक जारी रहेगी।
कटौती का लाभ और उद्देश्य
🔹 इस साल जून में, सरकार ने क्रूड पाम ऑयल, क्रूड सनफ्लावर सीड ऑयल और क्रूड सोयाबीन तेल पर सीमा शुल्क में 5% की कटौती की थी। इससे आयातित तेलों की लागत में कमी आई है। यह कटौती खाद्य तेलों की कीमतों पर नियंत्रण रखने में मदद करेगी।
आयात के मुख्य स्रोत
🌎 भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, अर्जेंटीना, ब्राजील और कनाडा से विभिन्न प्रकार के खाद्य तेल आयात करता है। इनमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पाम ऑयल की है।
भारत: विश्व का सबसे बड़ा खरीदार
💹 भारत, वनस्पति तेलों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है, और घरेलू मांग का लगभग 60% विदेशों से खरीदा जाता है। अक्टूबर 2023 में, भारत का वनस्पति तेल आयात 16% बढ़कर 167.1 लाख टन हो गया।
महत्वपूर्ण तथ्य और आंकड़े 📊
- सीमा शुल्क कटौती: 5%
- पहले से लागू शुल्क: 17.5%
- वर्तमान शुल्क: 12.5%
- कटौती की अवधि: मार्च 2025 तक
- मुख्य आयात स्रोत: इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, अर्जेंटीना, ब्राजील
- वनस्पति तेल आयात वृद्धि: अक्टूबर 2023 में 16%
इस फैसले से आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी, और खाना पकाने के तेल की कीमतों पर नियंत्रण में सहायता मिलेगी।