8 भारतीयों को मिली मृत्युदंड की सजा
तेल भंडार के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे समृद्ध देश कतर ने बीते दिन 8 भारतीयों को मृत्युदंड की सजा सुना दी है, इसके बाद कांग्रेस तथा आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा कूटनीतिक एवं राजनीतिक संबंधों के जरिए इन अटो भारतीयों को रिहा करवाने की बात कही है। आईए जानते हैं आखिर किस जुर्म में इन्हें सजा सुनाई गई है, एक-एक कड़ी को समझिए पूरे विस्तार से
कंपनी का नाम अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टिंग सर्विसेज
ओमान में एक सैन्य अधिकारी के द्वारा संचालित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एंड कंसल्टिंग सर्विसेज नाम से कंपनी चलाई जा रही थी जिसमें यह ऑटो भारतीय जिनका नाम नवतेज सिंह गिल, वीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ, अमित नागपाल, प्रणेंदु तिवारी, सुगुणाकर पाकला, संजीव गुप्ता और रागेस यह लोग इस कंपनी में अलग-अलग पदों पर कार्यरत थे। इस कंपनी का काम कतर के नौसेना के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है उसे कंपनी में प्रशिक्षु की तरह कार्य कर रहे थे।
अचानक हुई गिरफ़्तारी भारत सरकार को कोई खबर नहीं
लेकिन अचानक पिछले साल 30 अगस्त को कतर की खुफिया एजेंसी ने इन ऑठो भारतीयों को अचानक गिरफ्तार कर लिया, इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए कतर में मौजूद भारत के राजदूत द्वारा गिरफ्तार सभी भारतीयों से मुलाक़ात हुई।
आरोप है की इजराइल के लिए कर रहे थे काम
जानकारों का कहना है कि कतर की सरकार ने यह बात छुपाई है कि इन भारतीयों को किन आरोपों में गिरफ्तार किया गया है, अलग-अलग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह खबर सामने आ रही है कि इसराइल के लिए कतार के नौसेना की जासूसी करने के आरोप में इन सभी को गिरफ्तार किया गया है।
बीते दिन 26 अक्टूबर को सुनाई गई मृत्युदंड की सजा
कल 26 अक्टूबर गुरुवार को कतर की अदालत ने इन सभी भारतीयों को मृत्यु दंड की सजा सुना दी है जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने गहरी चिंता एवं हैरानी जताई है इसके बाद विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।