कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े लोगों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ईपीएफ़ओ अपने सिस्टम को इस तरह से अपग्रेड करेगा कि खाताधारकों को अगले छह महीनों के भीतर बैंक जैसी कई सुविधाएँ मिल सकें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी इस दिशा में संकेत दिए हैं कि ईपीएफ़ओ सिर्फ़ फंड जमा और निकासी तक सीमित न रहकर, शिकायत निवारण से लेकर आसान ट्रांज़ैक्शन तक की सेवा देने की ओर बढ़ रहा है।
नया आईटी सिस्टम होगा गेमचेंजर
ईपीएफ़ओ फिलहाल अपने आईटी सिस्टम 3.0 पर काम कर रहा है, जिसके पूरा होने के बाद खाताधारकों को निकासी, बैलेंस चेकिंग और अन्य सेवाओं के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। कहा जा रहा है कि अगले साल फ़रवरी तक सिस्टम का अपग्रेड पूरा हो जाएगा, जिससे ऑनलाइन प्रोसेस आसान होगा। अब लोग घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर से फंड से जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर पाएँगे। शिकायतों का निपटारा भी ऑनलाइन तेज़ी से होगा, ताकि लोगों को दफ़्तरों के चक्कर लगाने की ज़रूरत न पड़े।
शिकायत निवारण होगा आसान
अभी तक बहुत से खाताधारक शिकायत करते थे कि ईपीएफ़ओ में क्लेम से लेकर बैलेंस से जुड़ी समस्याओं पर सुनवाई देर से होती है। माना जा रहा है कि नए आईटी सिस्टम की मदद से शिकायत निवारण में भी सुधार आएगा। मंडाविया ने कहा कि शिकायतों के लिए टोल-फ़्री हेल्पलाइन और ऑनलाइन पोर्टल दोनों को मज़बूत किया जाएगा। यानी अगर किसी को फंड ट्रांसफ़र या क्लेम से जुड़े मुद्दे हैं, तो उन्हें जल्द से जल्द हल किया जाएगा।
निकासी में नहीं होगी परेशानी
फरवरी से खातों से निकासी में भी आसानी होगी। बार-बार ओटीपी या डॉक्यूमेंट वेरिफ़िकेशन की झंझट कम करने पर काम चल रहा है। इसके अलावा, एक ही पोर्टल पर अलग-अलग सेवाओं के लिंक होंगे, जिससे टेक्नोलॉजी फ़्रेंड्ली लोग ही नहीं, साधारण यूज़र भी आराम से अपना काम कर पाएँगे।
रोज़गार के बढ़ने का दावा
सरकार का दावा है कि पिछले दस साल में 17 करोड़ से ज़्यादा नौकरियाँ मिली हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक 4.6 करोड़ लोगों को नौकरियाँ देने का आँकड़ा सामने रखा गया है। मंत्री जी के मुताबिक, 2014 से 2018 के बीच क़रीब 17.19 करोड़ अतिरिक्त नौकरियाँ पैदा हुईं, जबकि 2017-18 में बेरोज़गारी दर 3.1% तक दर्ज की गई थी। वहीं, 2023-24 में यह आँकड़ा 4.1% के आसपास बताया जा रहा है।
आगे की राह
विशेषज्ञों का कहना है कि ईपीएफ़ओ का यह अपग्रेड अगर समय से पूरा हो जाता है तो करोड़ों खाताधारकों को राहत मिलेगी। बैंक जैसी सुविधा मिलने से लोग सिर्फ़ पीएफ़ की निकासी या जमा ही नहीं, दूसरी वित्तीय सेवाओं के लिए भी ईपीएफ़ओ पर भरोसा कर सकेंगे।