अगर आप EPFO (Employees Provident Fund Organization) के सदस्य हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है! हाल ही में यूनियन मंत्री ने दो नई सुविधाओं का ऐलान किया है। आइए जानते हैं ये सुविधाएं क्या हैं और इसका फायदा आपको कैसे होगा।
1. पर्सनल जानकारी का अपडेट
अब आपको अपनी पर्सनल जानकारी जैसे नाम, जन्म तिथि, जेंडर, नेशनलिटी, माता-पिता का नाम, और वैवाहिक स्थिति को बदलने के लिए कंपनी से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। EPFO की वेबसाइट पर जाकर आप ये जानकारी खुद ही अपडेट कर सकते हैं। यह सुविधा उन सभी सदस्यों के लिए उपलब्ध है जिनका UAN (Universal Account Number) 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी किया गया था। इससे पहले का UAN रखने वालों को अभी भी कंपनी से मंजूरी लेनी होगी।
2. EPF ट्रांसफर क्लेम
यदि आपका EPF खाता e-KYC द्वारा Aadhaar से लिंक है, तो आप बिना कंपनी की मदद के EPF ट्रांसफर क्लेम फाइल कर सकते हैं। इसके लिए आपको केवल Aadhaar OTP का उपयोग करना होगा। यह प्रक्रिया अब बहुत आसान और तेज हो गई है।
नए फैसले का प्रभाव
यूनियन मंत्री के अनुसार, EPFO में 10 करोड़ से अधिक सदस्य हैं और उनमें से लगभग 27% शिकायतें KYC से संबंधित होती हैं। अब जब ये नई सुविधाएं लागू होंगी, तो बहुत से लोगों को राहत मिलेगी। इससे न केवल सदस्यों का काम होगा, बल्कि नियोक्ताओं का समय भी बचेगा।
इन लोगों को नहीं मिलेगा फायदा
हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि जो लोग 1 अक्टूबर 2017 से पहले का UAN रखते हैं, उन्हें इस नए फैसले का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे मामलों में नियोक्ता को अभी भी EPFO से मंजूरी लेनी होगी, और यदि उनका UAN Aadhaar से लिंक नहीं है, तो उन्हें नियोक्ता के पास जाकर ही काम कराना पड़ेगा।
कितनी तेजी लाएगी नई प्रक्रिया?
पिछले वित्तीय वर्ष में करीब 8 लाख सामान्य मामलों में से केवल 40% मामलों को नियोक्ताओं ने 5 दिनों में ही EPFO को भेजा। वहीं, अब जल्दी अपडेट होने के कारण ये समय बचेगा। मौज़ूदा समय में नियोक्ताओं के पास लगभग 3.9 लाख मामले लंबित हैं।
कुल शिकायतों में से 17% ट्रांसफर से जुड़ी हैं, और पहले के नियमों के कारण इसे सुलझाने में काफी समय लगता था। नई सुविधाओं के चलते अब यह प्रक्रिया भी तेज़ होगी। नियोक्ताओं को ये काम अब नहीं करना होगा, जिससे उनका कीमती समय बचेगा।