पिछले कुछ महीनों में अगर आप अपने गाड़ी को कितना भी मेंटेन करके चला रहे हैं फिर भी आपके माइलेज पर असर पड़ रहा होगा. आपका चाहे गाड़ी कितने भी अच्छे तरीके से 7 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर क्यों ना चला रहे हो लेकिन फिर भी आपके गाड़ी की माइलेज की बात है पहले जैसे नहीं आ रही होंगी।
गाड़ी में कुछ बदलाव की जरूरत है या फिर है कोई अन्य कारण ?
देश में पेट्रोल और उसकी कीमत हमेशा चर्चा का विषय रहे हैं। देश में बढ़ रहे एयर पोलूशन को रोकने के लिए सरकार ने पेट्रोल में एथेनॉल ब्लेंडिंग को मंजूरी दिया है। 2023 के अप्रैल महीने से देश भर में अब E-20 पेट्रोल बिक रहा है। इसका अर्थ यह है कि मिलने वाले पेट्रोल में 20% एथेनॉल का मिश्रण होता है और शुद्ध पेट्रोल महज 80% होता है।
यह प्रमुख कारण है मौजूदा समय में कि आपके गाड़ी पूरे मेंटेन होने के बाद और सही समय पर सर्विस के उपरांत भी माइलेज में कंजूसी कर रही है। पुरानी बनी सारी गाड़ियां केवल पेट्रोल को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने के लिए बनाई गई थी लेकिन अब उस ईंधन में पेट्रोल के साथ-साथ मिश्रण वाला एथेनॉल पेट्रोल मिल रहा है।
अब आप कहीं किसी खास जगह पर खाने के लिए बैठे हो और आपके ख्वाहिशों में आपका पसंदीदा डिस हो लेकिन उसकी जगह पर उसमें मिलावट करके कुछ अन्य यदि मौजूदा करा दिया जाए तो शायद आपको भी खाने के बाद पूरी उर्जा ना मिले क्योंकि आप दिमागी तौर से उस खाने के लिए तैयार नहीं होते हैं।
ठीक इसी प्रकार अब गाड़ियों का भी मन बदलने के लिए फ्लेक्सीक्यूल इंजन का दिशा निर्देश जारी किया गया है जिसके तहत अब गाड़ियों के इंजन दोनों प्रकार के इन दोनों को सफलतापूर्वक प्रयोग करने के लिए बनाए जाएंगे। नितिन गडकरी के बयान के अनुसार अगस्त महीने से टीवीएस ऑटो, हीरो मोटोकॉर्प तथा टोयोटा के इथेनॉल वाली गाड़ियां सड़कों पर दिखाई देने लगी।
नई दिशा निर्देश के अनुसार अब देश में अप्रैल के बाद बिकने वाली सारी गाड़ियां फ्लेक्स फ्यूल कंप्लेंट होंगी। पुरानी गाड़ियों के लिए नया कंप्लायंस मुहैया कराने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है जिसके वजह से जल्द ही पुरानी गाड़ियां भी फ्लेक्स फ्यूल पर दौड़ सकेंगी।