अल-मौलामी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष वोल्कन बोज़किर से भी मुलाक़ात की क्योंकि सऊदी अरब फ़लस्तीन के लिए इस्लामिक आंदोलन का नेतृत्व करता है.
महासभा के अध्यक्ष के साथ बैठक का मक़सद यही था कि इसराइल के हमलों के बारे में उन्हें बताया जा सके ताकि अंतरराष्ट्रीय समुदाह से नागरिकों की सुरक्षा के उचित क़दम उठाने का आग्रह किया जा सके.
संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीन के मुद्दों का समर्थन करने वालों में सऊदी अरब हमेशा से अव्वल रहा है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुदायों के आगे भी वो उनके मुद्दों का समर्थन करता रहा है.
अब सऊदी के विदेश मंत्री ने फ़लस्तीनी अथॉरिटी के विदेश मामलों के मंत्री रियाद अल मलिकी से फ़ोन पर बात की.
इस बातचीत के दौरान, प्रिंस फ़ैसल बिन फ़रहान ने इसराइल के अधिकारियों के अवैध हमलों की सऊदी अरब की निंदा की पुष्टि की. उन्होंने ये भी ज़ाहिर किया कि सभी अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का और सम्मेलनों का उल्लंघन करने वाले देश के इन क़दमों को तुरंत रोकने की आवश्यकता है.
सऊदी अरब के ही अनुरोध पर इस्लामिक सहयोग संगठन रविवार को यरूशलम और ग़ज़ा की स्थिति पर चर्चा करने लिए एक आपातकालीन बैठक करने वाला है.
ओआईसी के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली इस बैठक में सदस्य देश के मंत्री फ़लस्तीनी इलाक़ों पर इसराइल के लगातार हो रहे हमले पर बात करेंगे.