देश में मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चर के रूप में टाटा और महिंद्रा जैसी कंपनियां सबसे चर्चित हैं लेकिन अब इनके सेल और पापुलैरिटी को चैलेंज करने के लिए दोबारा से Ford आ रहा है। कंपनी ने अपने उत्पादन को दोबारा से चालू करने के लिए सारे डिटेल जारी कर दिए हैं।
फोर्ड मोटर कंपनी ने भारतीय बाजार में फिर से कदम रखने की योजना बनाई है, लेकिन इस बार उनका ध्यान पूरी तरह से बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (BEVs) पर केंद्रित होगा। यह कदम कंपनी की पहले की रणनीति से बिल्कुल अलग है, जहां उनका फोकस इनटर्नल कंबशन इंजन (ICE) वाहनों पर था। फोर्ड का यह बदलाव न केवल उनके व्यवसाय के लिए, बल्कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के लिए भी एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों पर केंद्रित रणनीति
फोर्ड अब भारत में अपने पुराने ICE वाहनों के लिए स्थानीय उत्पादन में निवेश नहीं करेगी। इसकी बजाय, कंपनी सीमित मात्राओं में कम्प्लीटली बिल्ट-अप (CBU) या कम्प्लीटली नॉकडाउन (CKD) किट्स इम्पोर्ट करने की योजना बना रही है। Chennai स्थित फोर्ड की फैक्ट्री को अब BEVs के उत्पादन के लिए पूरी तरह से बदल दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित करेगा कि 2025 तक भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को पूरा किया जा सके।