भारत में आम आदमी को पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से जल्द राहत मिल सकती है। लोकसभा चुनाव से पहले, पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी हो सकती है। इसका मुख्य कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कम होती कीमतें हैं, जिससे तेल विपणन कंपनियां इसका बोझ उठाने में सक्षम होंगी।
संभावित कटौती की राशि
- सूत्रों के अनुसार, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 4 से 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती संभव है।
- सरकार उत्पाद शुल्क में कटौती पर भी विचार कर रही है।
कीमत में कटौती का प्रभाव
- इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे सार्वजनिक उपक्रमों पर कीमत कटौती का पूरा बोझ नहीं पड़ेगा।
पिछले वर्ष की कीमत में कटौती
- पिछले साल मई में वित्त मंत्रालय ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी।
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 77 डॉलर प्रति बैरल के आसपास चल रही है, जो पहले 85 से 90 डॉलर की रेंज से कम है।
शेयर बाजार में प्रभाव
- पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की खबरों के बीच, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयरों में 4% की गिरावट दर्ज की गई।