जर्मनी ने अपने कॉन्सुलर सर्विसेज़ पोर्टल (Consular Services Portal) को शुरू कर दिया है, जिससे अब लोग जर्मन वीज़ा के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। यह कदम पिछले दो सालों से तैयार किया जा रहा था और अब इसे दुनिया भर में जर्मन दूतावासों के 167 वीज़ा सेक्शन में लागू किया जा रहा है। नया सिस्टम 28 तरह के नैशनल वीज़ा के लिए डिजिटल आवेदन की सुविधा देता है, जिनमें नौकरी, शिक्षा, ट्रेनिंग और परिवार से मिलन (फ़ैमिली रीयूनिफिकेशन) जैसे श्रेणी शामिल हैं।
कुशल कामगारों की कमी पर फोकस
जर्मनी में कुशल कामगारों की भारी कमी है, खासतौर पर हेल्थकेयर, टेक्नोलॉजी और स्किल्ड ट्रेड सेक्टर में। देश की विदेश मंत्री एनालेना बैर्बॉक (Annalena Baerbock) ने बताया कि जर्मनी को हर साल कम से कम 4 लाख कुशल कामगारों की कमी महसूस होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वीज़ा प्रक्रिया को आधुनिक और डिजिटल बनाना बेहद ज़रूरी है, ताकि दुनिया भर के प्रतिभावान लोगों को जर्मनी आने में आसानी हो और कंपनियों को भी कुशल स्टाफ़ मिलने में देर न लगे।
नए डिजिटल सिस्टम से क्या फ़ायदे होंगे?
- पेपरवर्क कम होगा: इस पोर्टल के ज़रिए आवेदकों को अब काग़ज़ी फार्म भेजने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी; सबकुछ ऑनलाइन जमा किया जा सकेगा।
- प्रक्रिया में तेज़ी: ऑनलाइन आवेदन से अपॉइंटमेंट मिलने का इंतज़ार भी कम हो जाएगा, जिससे वीज़ा की प्रक्रिया तेज़ होगी।
- व्यवसायों को मदद: जो कंपनियाँ तुरंत कामगारों की तलाश में हैं, उन्हें समय की बचत होगी, और वे जल्दी से कुशल लोगों को हायर कर सकेंगी।
विदेश मंत्री बैर्बॉक ने इस सुधार को प्रशासनिक क्षेत्र में “एक सच्ची क्रांति” बताया है, जो यूरोप के सबसे आधुनिक इमीग्रेशन क़ानूनों के अनुरूप है। इससे जर्मनी एक प्रतिस्पर्धी ग्लोबल इकॉनमी के रूप में अपनी पहचान को और भी मज़बूत कर पाएगा।
आगे और क्या बदलाव होंगे?
फेडरल फ़ॉरेन ऑफ़िस (Federal Foreign Office) अभी और सुधारों पर काम कर रहा है। इनके तहत परिवारों और अधिकृत प्रतिनिधियों के लिए संयुक्त आवेदन (Joint Application) की सुविधा भी मिलेगी। यह डिजिटल बदलाव दर्शाता है कि जर्मनी भविष्य में भी आव्रजन (इमीग्रेशन) को बढ़ावा देना चाहता है और ऐसे लोगों को आमंत्रित करना चाहता है जो देश की अर्थव्यवस्था और टेक्नोलॉजी सेक्टर में योगदान दे सकें।
जर्मनी की इस डिजिटल वीज़ा पहल से उन लोगों को काफी फायदा होगा जो शिक्षा, नौकरी या परिवार से मिलने के उद्देश्य से जर्मनी आना चाहते हैं। इससे जर्मन कंपनियों के लिए ग्लोबल टैलेंट तक पहुँच आसान हो जाएगी, और वीज़ा प्रक्रिया में होने वाली देरी भी कम होगी।