Gov sales axis bank stake: कुछ समय पहले एक ऐसा बयान आया था जिससे पूरे बैंकिंग जगत के साथ साथ आम लोगों में भी कौतुहल मच गया था. आशंका जतायी गई थी कि भारत में केबल SBI बैंक सरकारी बैंक के तौर पर रहेगा बाक़ी सारे बैंकों को प्राइवेट कर दिया जाएगा.
सरकार ने छोटे और मझोले आकार के बैंकों को विलय कर एक बड़े बैंक के प्रारूप खड़ा करने में लगातार कार्यरत है. हाल ही में कुछ बड़े बैंक और अन्य बैंकों को मिलाकर इंडियन बैंक बनाया गया है. इसके साथ ही और अन्य बैंकों के विलय का कार्यक्रम भी बैकस्टेज में चल रहा है.
सरकार का था Axis Bank में हिस्सेदारी
सरकार ने एक्सिस बैंक में 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर 3,839 करोड़ रुपये जुटाये हैं। सरकार ने यह हिस्सेदारी यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया के विशेषीकृत उपक्रम के सप्ताह जरिये रखी हुई है। पिछले सरकार ने एसयूयूटीआई के जरिये 1.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी। पेशकश का न्यूनतम मूल्य 830.63 रुपये प्रति शेयर है।
अब ख़त्म हुआ सरकार का AXIS BANK में हिस्सेदारी
तो इस नए बिक्री के साथ ही एक्सिस बैंक से सरकार के सारे शेयर समाप्त हो गए हैं. एक्सिस बैंक पहले ही प्राइवेट बैंक था और सरकार के इस शेयर बेचने से इसमें केवल सरकार के शेयर की हिस्सेदारी ख़त्म हुई है. एक्सिस बैंक इस बिक्री के बाद भी प्राइवेट बैंक ही है.
क्या होगा Control का
क्योंकि यह बैंक पहले भी प्राइवेट था और अब भी प्राइवेट ही है आता बैंक के कंट्रोलिंग में कोई बदलाव नहीं होगा और RBI के अनुसार इस बैंक की पॉलिसी अन्य बैंकों की तरह ही मॉनिटर होते रहेंगे.
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