केंद्र सरकार ने वाणिज्यिक संपत्तियों, औद्योगिक भूमि, दुकानों, वाहनों और अन्य परिसंपत्तियों की ई-नीलामी के लिए “बैंकनेट (BAANKNET)” नाम से एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने शुक्रवार को इस पोर्टल को पेश किया, जिसके ज़रिए खरीदारों और निवेशकों को एक ही जगह सारी जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। वित्त मंत्रालय का कहना है कि इससे न सिर्फ़ नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी होगी बल्कि समय और लागत दोनों की बचत होगी।
कैसी संपत्तियाँ होंगी लिस्टेड?
इस पोर्टल में e-नीलामी वाली सभी संपत्तियाँ – जैसे भूकंड (प्लॉट), वाणिज्यिक और औद्योगिक भूमि, भवन, दुकानें, वाहन, मशीनरी, और यहां तक कि कृषि भूमि तक शामिल हैं। अभी तक ऐसी नीलामियों के लिए अलग-अलग बैंकों या संस्थानों के पोर्टल पर जाना पड़ता था, लेकिन अब एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर इन सबकी जानकारी मिल जाएगी।
खरीदारों और निवेशकों को क्या फ़ायदा?
- एक ही स्थान पर पूरी जानकारी: अब मुमकिन होगा कि ज़रूरतमंद व्यक्ति एक ही पोर्टल पर विभिन्न बैंकों या संस्थाओं की नीलामी में शामिल संपत्तियों को देख सके।
- प्रक्रिया में पारदर्शिता: संपत्तियों के विवरण, उनका लोकेशन, कीमत का अंदाज़ा, और नीलामी की तारीख़ व प्रक्रिया की सभी जानकारियाँ पोर्टल पर स्पष्ट रूप से उपलब्ध रहेंगी।
- ऑनलाइन बोली लगाना आसान: पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद ऑनलाइन बोली लगाई जा सकेगी, जिससे दूर-दराज़ बैठकर भी लोग नीलामी में हिस्सा ले सकते हैं।
पोर्टल के संशोधित वर्ज़न में “स्वचालित एवं एकीकृत भुगतान गेटवे”, “KYC/क्वाडेंसी उपकरण” और ख़र्च के विश्लेषण के लिए अतिरिक्त सुविधाएँ जोड़ी गई हैं। लोगों को विभिन्न प्रकार की रिपोर्ट (एमआईएस रिपोर्ट) भी विकल्प के तौर पर मिलेगी, जिससे वे बोली लगाने से पहले ज़रूरी जानकारी जुटा सकें। साथ ही, हेल्पडेस्क और कॉल सेंटर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि खरीदारों को किसी तकनीकी या प्रक्रियागत दिक्कत का सामना न करना पड़े।
बैंकों की मुश्किल भी होगी कम
अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों को अपने-अपने तरीक़े से नीलामी प्रक्रियाएँ संचालित करनी पड़ती थीं। इससे एक तो नीलामी की प्रक्रिया लंबी हो जाती थी, दूसरे, कई बार जानकारी सही लोगों तक पहुँच नहीं पाती थी। इस पोर्टल की मदद से बैंकों को भी मौजूदा “मॉर्टगेज प्रॉपर्टी” या “लोन डिफॉल्ट” के मामलों में तेज़ी से समाधान मिलेगा। बैंक संपत्तियों को नीलाम करके जल्दी से रिकवरी कर पाएँगे, जिससे उन्हें बिज़नेस में फंसा हुआ पैसा वापस लाने में सहायता मिलेगी।
सरकार ने सार्वजनिक बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के अधिकारियों को इस नए पोर्टल की ट्रेनिंग भी दी है, ताकि वे खुद अपनी संपत्तियों को लिस्ट कर सकें और नीलामी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ा सकें। फ़िलहाल, पोर्टल पर 1.22 लाख से ज्यादा संपत्तियाँ पहले ही शामिल की जा चुकी हैं, और समय के साथ यह संख्या और भी बढ़ेगी। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि यह पहल न सिर्फ़ रियल एस्टेट और कमर्शियल सेक्टर को बढ़ावा देगी, बल्कि संपत्तियों की नीलामी में होने वाली हेरा-फेरी और विवादों को भी कम करेगी।