केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने साफ़ किया है कि प्रीपेड वाउचर, गिफ्ट कार्ड या डिजिटल वॉलेट जैसी सुविधाओं पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू नहीं होगा। इस ख़बर से उन कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है जो लंबे समय से गिफ्ट कार्ड और वाउचर से जुड़ी गतिविधियों का संचालन कर रहे थे। साथ ही, आम लोगों के लिए भी यह जानकारी अहम है, क्योंकि ऐसे प्रीपेड वाउचर को काफ़ी संख्या में ख़रीदा और बेचा जाता है।
कैसे मिली राहत
CBIC ने यह स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि वाउचर, कार्ड या वॉलेट देने मात्र से कोई माल या सेवा की सप्लाई नहीं मानी जाएगी। असल में, GST तभी लगता है जब वस्तु या सेवा की वास्तविक सप्लाई हो रही हो। यानी, वाउचर या गिफ्ट कार्ड ख़रीदने पर GST नहीं लगेगा, लेकिन जब इस वाउचर से माल या सेवा ख़रीदी जाएगी, तब उस ख़रीदे गए प्रोडक्ट या सर्विस पर टैक्स लागू होगा।
व्यापारियों को कैसे होगा फ़ायदा
अब तक बहुत से कारोबारियों को यह चिंता थी कि गिफ्ट कार्ड या वाउचर इश्यू करने पर उन पर तुरंत GST लग सकता है। इस भ्रम की वजह से कुछ लोग वाउचर जारी करने से कतराते थे। लेकिन CBIC की ताज़ा सफाई के बाद स्पष्ट हो गया है कि वाउचर या गिफ्ट कार्ड जारी करने की प्रक्रिया किसी वस्तु या सेवा की सप्लाई के दायरे में नहीं आती। इससे ऑनलाइन और ऑफ़लाइन दोनों तरह के रिटेलर्स को मदद मिलेगी, जो त्योहारों या सेल के मौकों पर बड़े पैमाने पर गिफ्ट कार्ड बेचते हैं।
डिजिटल वॉलेट्स पर भी नहीं लगेगा टैक्स
CBIC ने अपने स्पष्टीकरण में यह भी कहा है कि डिजिटल वॉलेट, जिसमें लोग पैसे रखकर ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करते हैं, उन पर भी सीधे GST नहीं लगेगा। हालाँकि, अगर उस वॉलेट से किसी सर्विस या प्रोडक्ट की पेमेंट की जाती है, तो उस वस्तु/सेवा पर पहले से तय टैक्स नियमों के अनुसार GST देना होगा। यह नियम पेटीएम, फोनपे, गूगल-पे जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप्स के लिए भी लागू माना जा सकता है।
विज्ञापन या अन्य सेवाओं पर टैक्स ज़रूरी
हालाँकि, वाउचर वितरण के दौरान जो अतिरिक्त सेवाएँ, जैसे विज्ञापन या ग्राहकों को सहायता प्रदान की जाती है, उन पर GST लागू हो सकता है। CBIC ने साफ़ कर दिया है कि अगर कोई व्यापारी वाउचर या गिफ्ट कार्ड को प्रमोट करने के लिए किसी विज्ञापन एजेंसी की सेवा लेता है, तो उस एजेंसी को दी जाने वाली फीस पर टैक्स ज़रूर लगेगा। इसी तरह, अगर कस्टमर केयर या किसी अन्य सेवा का इस्तेमाल होता है, तो उस पर भी लागू टैक्स का पालन करना होगा।