नई दिल्ली में हाल ही में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जहां कुछ प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों पर सरकारी योजना के तहत प्राप्त सब्सिडी में धोखाधड़ी का आरोप लगा है। यह घटना उस समय की है जब भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।
जांच के दायरे में कौन-कौन?
गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) ने हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी, और ओकिनावा ऑटोटेक इंटरनेशनल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। सोमवार को इन कंपनियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें डिजिटल डेटा, किताबें, और अन्य सामग्री जैसे महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए गए।
आरोप क्या हैं?
इन कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी सब्सिडी के लिए अपात्र पुर्जों का दावा किया, जिसे बाद में झूठा और गलत पाया गया। यहां तक कि जांच में यह भी पाया गया कि कई पुर्जे चरणबद्ध विनिर्माण दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए सीधे या परोक्ष रूप से चीन से आयात किए गए थे।
सरकारी पक्ष का बयान
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस संदर्भ में जानकारी दी है कि तीनों कंपनियों ने सब्सिडी के दावे को वैध दिखाने के लिए जो दिशा-निर्देश लागू किए थे, उनके अनुपालन को लेकर भ्रम फैलाया गया और इसे गलत साबित किया गया।
यह मामला अपने आप में बड़ा विवाद खड़ा कर चुका है और इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी चर्चा हर जगह हो रही है। जांच अभी चल रही है, और इसके आगे क्या होगा, यह तो समय ही बताएगा।