Kotak Mahindra Bank और यूरोप स्थित ब्रोकरेज फर्मों पर लगाए गए आरोपों ने भारतीय और अमेरिकी वित्तीय बाजारों में हलचल मचा दी है। Hindenburg Research ने हाल ही में एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि Kotak Mahindra Bank ने उस ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर को तैयार और देखरेख किया, जिसका इस्तेमाल उनके निवेशक भागीदार ने Adani Group के स्टॉक्स पर शॉर्ट बेत लगाने के लिए किया।

SEBI की शोकॉज नोटिस पर Hindenburg की प्रतिक्रिया:

Hindenburg Research ने भारतीय कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI द्वारा भेजे गए शोकॉज नोटिस पर सीधे तौर पर अपनी प्रतिक्रिया दी। SEBI ने Adani Group पर शॉर्ट बेत लगाने के मामले में Hindenburg को यह नोटिस भेजा था। Hindenburg ने SEBI पर आरोप लगाया कि उन्होंने Kotak का नाम शामिल नहीं किया।

SEBI का नोटिस और रिप्लाई में मिला कोटक.

SEBI ने Hindenburg को 46 पन्नों का यह नोटिस 27 जून को भेजा था, जिसे Hindenburg ने ‘आत्मसंतोष की कोशिश’ के रूप में वर्णित किया है। Hindenburg का कहना है कि SEBI ने अपने नोटिस में Kotak Mahindra Bank या Uday Kotak का नाम शामिल नहीं किया, जबकि वे इस मामले के प्रमुख हिस्सेदार हैं।

Uday Kotak और SEBI की समिति:

Hindenburg ने यह भी बताया कि Uday Kotak, Kotak Mahindra Bank के संस्थापक, ने 2017 में SEBI की Corporate Governance समिति की अध्यक्षता की थी।

Investor Partner की भूमिका:

Hindenburg ने यह भी स्पष्ट किया कि Adani के शॉर्ट शेयरों पर उनकी बेत एक निवेशक भागीदार के माध्यम से थी, जो गैर-भारतीय, ऑफशोर फंड स्ट्रक्चर के जरिए Adani derivatives पर शॉर्ट था।

Adani Group पर Hindenburg की रिपोर्ट:

पिछले साल Hindenburg ने Adani Group पर ‘बेजोड़ स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड’ का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इस रिपोर्ट के परिणामस्वरूप Adani समूह के स्टॉक्स में $150 बिलियन की गिरावट देखी गई थी।

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