आयकर विभाग ने भारतीय निवासी व्यक्तियों के लिए संशोधित और विलंबित आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 जनवरी, 2025 कर दी है। यह निर्णय उन व्यक्तियों को राहत देने के लिए लिया गया है, जो या तो पहले से दाखिल किए गए रिटर्न में संशोधन करना चाहते हैं या जिन्होंने मूल समय सीमा के भीतर रिटर्न फाइल नहीं किया था।
विलंबित और संशोधित ITR का अर्थ
- विलंबित ITR: वह रिटर्न, जो मूल समय सीमा समाप्त होने के बाद फाइल किया जाता है।
- संशोधित ITR: पहले से दाखिल रिटर्न में सुधार करने के लिए फाइल किया गया रिटर्न।
समय सीमा में विस्तार का कारण
1. CBDT का आदेश:
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (CBDT) ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139(4) और 139(5) के तहत 31 दिसंबर, 2024 की समय सीमा को बढ़ाकर 15 जनवरी, 2025 कर दिया।
2. AIS और ITR में असंगति:
कई करदाताओं को उनके AIS (Annual Information Statement) और ITR में रिपोर्ट की गई आय/लेनदेन के बीच असंगति के कारण नोटिस मिले। यह विस्तार उन्हें अपने रिटर्न की जांच और सुधार करने का समय देगा।
3. बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश:
बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले में निर्देश दिया कि सेक्शन 87A टैक्स रिबेट से जुड़े सभी करदाताओं को अपनी रिटर्न फाइल करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाए।
समय सीमा विस्तार से किसे लाभ होगा?
- भारतीय निवासी व्यक्ति: समय सीमा विस्तार केवल भारतीय निवासी व्यक्तियों पर लागू है।
- सेक्शन 87A के लिए पात्र करदाता: जिनकी कुल आय ₹5 लाख तक है और वे टैक्स रिबेट के लिए पात्र हैं।
देर से फाइलिंग पर लागू शुल्क और जुर्माना
- धारा 234F: देर से फाइलिंग पर ₹1,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
- धारा 234A और 234B: विलंबित भुगतान पर ब्याज लागू होगा।
- अपडेटेड रिटर्न: यदि करदाता 15 जनवरी, 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं कर पाता है, तो अतिरिक्त 25%-50% जुर्माने के साथ अपडेटेड रिटर्न फाइल करना होगा।
महत्वपूर्ण तिथियां
घटना | तिथि |
---|---|
मूल ITR फाइलिंग की अंतिम तिथि | 31 जुलाई, 2024 |
विलंबित/संशोधित ITR की पुरानी तिथि | 31 दिसंबर, 2024 |
नई समय सीमा | 15 जनवरी, 2025 |