आयकर विभाग ने छोटी कर मांगों को वापस लेने के लिए बजट में की गई घोषणा के तहत प्रति करदाता एक लाख रुपये तक की सीमा निर्धारित की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अंतरिम बजट भाषण में आकलन वर्ष 2010-11 तक 25,000 रुपये और आकलन वर्ष 2011-12 से 2015-16 तक 10,000 रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को वापस लेने की घोषणा की थी। इसमें शामिल कुल कर मांग करीब 3,500 करोड़ रुपये है।
सीमा:
- प्रति करदाता एक लाख रुपये तक की बकाया कर मांग माफ की जाएगी।
- इसमें कर मांग की मूल राशि, ब्याज, जुर्माना या शुल्क, उपकर, अधिभार शामिल है।
अधिकार:
- यह छूट करदाताओं को क्रेडिट या रिफंड के किसी भी दावे का अधिकार नहीं देती है।
- यह छूट करदाता के खिलाफ चल रही, नियोजित या संभावित आपराधिक कानूनी कार्यवाही को प्रभावित नहीं करेगी।
इन पर लागू नहीं:
यह छूट आयकर अधिनियम के टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) या टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) प्रावधानों के तहत कर कटौती करने वालों/कर संग्राहकों के खिलाफ की गई मांगों पर लागू नहीं होगी।