देश में मोबाइल नेटवर्क सेवाएं 2G से लेकर 5G तक पहुंच चुकी हैं लेकिन इसके बावजूद भेजो कुछ नहीं सुधरा है वह है कॉल क्वालिटी और कॉल ड्रॉपिंग की समस्याएं. इन सबके बीच अब देश में सेटेलाइट फोन को मंजूरी दे दी गई है.
रेडियो लिंक के जरिए होती है बात.
सेटेलाइट फोन में रेडियो लिंक सेवाओं का प्रयोग किया जाता है. रेडियो लिंक सेवाओं के जरिए सेटेलाइट फोन किसी भी मोबाइल नंबर पर कनेक्ट हो सकता है और बात कर सकता है. इसके लिए सेटेलाइट फोन डिवाइस को रेडियो सिग्नल के जरिए अपने सेटेलाइट से संपर्क करना होता है और फिर वह सेटेलाइट मोबाइल स्विच नेटवर्क के जरिए मोबाइल फोन या लैंडलाइन तक कनेक्शन बनाता है.
अमरनाथ यात्रा से शुरू हो रहा है सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल.
हालांकि इसे पूरा पब्लिक नहीं किया जा रहा है बल्कि अमरनाथ यात्रा में कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए 400 सेटेलाइट फोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है. वार्षिक धार्मिक यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए इस फैसले को मंजूरी दी गई है.
अति दुर्गम इलाके और हिमालय के बर्फ से भरे क्षेत्र में अक्सर दूरसंचार के संसाधन कम पड़ जाते हैं और कई आपात परिस्थितियों में कनेक्शन स्टाइलिश करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जिसको देखते हुए 400 सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया जाएगा.