वसुधैव कुटुंबकम
महा उपनिषद् से लिया गया एक वाक्यांश वसुधैव कुटुंबकम अपने आप में बहुत बड़ा मायने रखता है। इसका अर्थ होता है पूरी दुनिया ही एक परिवार है। इसकी खूबसूरती समझने के लिए लोगों से जुड़ना होगा और लोगों को यह समझना भी होगा कि एक दूसरे के सहयोग के बिना हम सही दिशा में नहीं जा सकते हैं। मनुष्य का उत्थान एक दूसरे से सहयोग में ही निहित है। कई लोग इस बात को बखूबी समझते हैं और शांति, भाईचारे और प्रेम का संदेश देना अपना मकसद बना लेते हैं। कुछ ऐसा ही कर रहे हैं 32 वर्षीय भारतीय Nitin Sonawane, जिन्होंने महात्मा गांधी के अहिंसा और सत्य का संदेश देने के लिए पूरी दुनिया का भ्रमण अपनी साइकिल से कर रहे हैं।
Nitin पेशे से इंजीनियर हैं और महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव Rashin के रहने वाले हैं। वह पूरी दुनिया में महात्मा गांधी और बुद्ध का संदेश पहुंचा रहे हैं। यह सच है कि इंसान का सबसे बड़ा धर्म मानवता है और उसका सच्चा पेशा मनुष्यों की हृदय से सेवा।
अब तक इन देशों में कर चुके हैं यात्रा
Nitin ने अपनी यात्रा 18 नवंबर 2016 को Wardha के Gandhi Ashram से शुरू की थी। अब तक उन्होंने 48 देशों की यात्रा कर ली है। जिसमें Thailand, Vietnam, China, Japan, the US, Mexico, Costa Rica, Colombia, South Africa, Rwanda, Uganda, Sudan, Egypt, England, Ireland, Germany, Uzbekistan, Afghanistan और Pakistan शामिल है।
उन्होंने यह साफ-साफ कहा है कि अहिंसा का तात्पर्य केवल मनुष्य से ही नहीं बल्कि प्रकृति के साथ हो रहे अन्याय को भी रुकना चाहिए। मनुष्यों के लालच की कोई सीमा नहीं और वह प्रकृति को क्षति पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक गिर रहे हैं। UAE भी नेचर को बचाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रहा है इसकी वह सराहना भी करते हैं।
अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलें
उम्र के साथ लोग नई चीजों को ट्राई करने से डरते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो भय के कारण खुद को सीमित कर लेते हैं। वह कभी अपने कंफर्ट जोन से बाहर नहीं निकलते हैं। मनुष्यों को यह समझना चाहिए कि जीवन केवल एक ही बार मिलता है और वह भी सीमित। हम अपने जीवन को यह सोच कर गुजार रहे होते हैं कि अभी तो हमारे पास काफी समय है जबकि वास्तविकता तो यह है कि हमारा कौन सा अगला कदम बेजान हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं। इसलिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलकर वो करें जो वास्तव में आपकी आत्मा चाहती है।
जो सामने है और आपके दामन में है उसका सम्मान करें
Nitin मानते हैं कि लोगों में आपसी सहयोग और विश्वास की कमी के कारण अहिंसा को बढ़ावा मिलता है। इसे रोकने के लिए लोगों से वैसे ही प्रेम करना सीखें जैसे कि वो है। लोगों के नएपन ( जिसे हो सकता है कि आप पसंद न करते हो) और उनकी कमियों का सम्मान करें। इसे इस तरह सोचें कि अगर हर देश और हर इंसान एक ही जैसा होता तो सब कुछ कितना नीरस होता। याद रखें कि दुनिया के हर एक इंसान के साथ आपका मानवता का रिश्ता है। इस रिश्ते को अगर ईमानदारी से निभाई जाते तो जीवन आसान हो जायेगा। मानव जीवन अगर आपको जटिल लगता है तो इसकी जटिलता को समझने की कोशिश करना निरर्थक है, इसकी सार्थकता केवल जीने में है। जीवन को आसान बनाने के लिए जो भी व्यक्ति आपके सामने है, दुनिया के जिस भी भूभाग पर आप रहते हैं और जो भी काम करते हैं, उससे प्रेम करें और उसका सम्मान करें।