रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच अब सऊदी अरब भी वैश्विक पटल पर चर्चा का विषय बनता जा रहा है रूस के राष्ट्रपति पुतिन और सऊदी अरब के क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच हुए टेलिफोनिक वार्तालाप के बाद सऊदी अरब पर प्रेशर और बढ़ गया है.
रूस यूक्रेन युद्ध के शुरू होने के साथ ही रूस के साथ तेल और गैस इत्यादि की खरीद पर वैश्विक तरीके से प्रतिबंध लागू किया गया है जिसके बाद तेल और ऊर्जा संसाधनों के लिए Opec पर और दबाव उत्पादन को लेकर दुनिया भर से दिया जा रहा है ताकि वैश्विक स्तर पर तेल और प्राकृतिक गैस के कीमतों में संतुलन बनाए रखा जा सके.
सऊदी अरब OPEC का सबसे प्रधान देश है और इसी को लेकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन के तरफ से सऊदी क्रॉउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को टेलिफोनिक कन्वर्सेशन कहां है कि रूस पर लगे प्रतिबंध के मध्य नजर अगर सऊदी तेल के उत्पादन को बढ़ाता है तो इसे भी रूस के खिलाफ समर्थन माना जाएगा.
आपको बताते चलें कि सऊदी अरब का पूरा सुरक्षा जिम्मा अमेरिकी हाथों में है और अमेरिका ही सऊदी अरब में सुरक्षा संबंधी प्रमुख कार्य करता है. सऊदी अरब डॉनल्ड ट्रंप के समय से अमेरिका के और करीब पहुंचा है. लेकिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सीधा कहा है कि तेल को लेकर किसी भी तरीके से इसे पॉलीटिकल दिशा देकर पश्चिमी देशों के प्रभाव में आकर और रूस के तेल उत्पादन और निर्यात को दत्ता पहुंचाना एक गलत कदम होगा.