रमजान का पवित्र महीना एक बार फिर आने वाला है, और इस्लाम धर्म में इसकी खास अहमियत है। पूरी दुनिया में रमजान की तैयारियां शुरू हो गई हैं, और इस्लाम का केंद्र माने जाने वाले सऊदी अरब ने इस बार कुछ नई गाइडलाइन भी जारी की हैं।
मस्जिदों में इफ्तार पर रोक
सऊदी अरब में रमजान के दौरान मस्जिदों में इफ्तार की अनुमति नहीं होगी। मस्जिदों को साफ रखने के लिए यह फैसला लिया गया है। इफ्तार का आयोजन अब एक निर्धारित स्थान या मस्जिद के आंगन में होगा।
इमामों के भाषणों पर रोक
रमजान के दौरान होने वाली खास नमाज ‘तरावीह’ के दौरान इमामों को अपने भाषण छोटे रखने के लिए कहा गया है। साथ ही, मस्जिदों में दिए जाने वाले भाषणों में सिर्फ रोजेदारों के लिए लाभकारी बातें बताने पर जोर दिया गया है।
इफ्तार और अजान के बीच 10 मिनट का अंतराल
इफ्तार के तुरंत बाद होने वाली नमाज और अजान के बीच कम से कम 10 मिनट का समय देने की बात कही गई है।
रमजान की अहमियत
रमजान का महीना आत्म-संयम, त्याग और आध्यात्मिकता का महीना है। इस महीने में पूरी दुनिया के मुसलमान रोजे रखते हैं और बुरे कामों से दूर रहकर पैगंबर मोहम्मद के बताए गए रास्ते पर चलने की कोशिश करते हैं। रोजे के दौरान मुसलमान हर दिन सुबह से सूर्यास्त तक खाने-पीने से परहेज करते हैं। रमजान के 30 रोजे रखने की खुशी में ही ईद-अल-फितर मनाई जाती है।