अब देश और भारत के रिश्ते अभी लगातार वैश्विक पटल पर काफी चर्चा में है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां अबू धाबी में हिंदू मंदिर का अनावरण किया वहीं कतर से नौ सैनिकों की रिहाई ने भारतीय कूटनीति को नया आयाम दिया है. इन सब के बाद प्रधानमंत्री का अरब देशों में यात्रा इन सब पर नगीना के जैसा काम कर गया.
संयुक्त अरब अमीरात और कतर के बाद कुवैत भारत के साथ नए रिश्तों को लेकर चर्चा में है और इस बार इस चर्चा की कीमत गोबर है. इस गोबर के लिए भारत और कुवैत एक नए साझेदारी पर पहुंचे हैं.
भारत और कुवैत के बीच एक अनोखे व्यापारिक समझौते ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। विशेष रूप से, कुवैत भारत से लाखों किलो गोबर खरीद रहा है।
क्यों खरीद रहा है कुवैत भारत से गोबर? कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने खजूर की खेती में गाय के गोबर को बहुत फायदेमंद पाया है। खजूर की फसल पर गोबर के सकारात्मक असर को देखते हुए, कुवैत ने भारत से इसका आयात करने का निर्णय लिया है।
भारत और गोबर का महत्व: भारत में गोबर का इस्तेमाल परंपरागत रूप से खाद के तौर पर होता रहा है, जिससे पैदावार पर महत्वपूर्ण असर पड़ता है। इसके अलावा, गोबर का इस्तेमाल ईंधन और गैस के उत्पादन में भी किया जाता है। भारत में लगभग 30 करोड़ मवेशी हैं, जिनसे हर दिन लगभग 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है।