कामगारों को नियुक्ति के लिए देना होगा टेस्ट
KUWAIT में Skilled Labor project के तहत अब ज्यादातर प्रोफेशन में उन्हीं लोगों को काम दिया जाएगा जो वास्तव में उस काम के लायक हैं। इसके लिए कामगारों का टेस्ट लिया जाएगा और उसके बाद उन्हें काम पर रखा जाएगा। Public Authority for Manpower को इस प्रोजेक्ट पर काम करने की अनुमति मिल चुकी है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार कुवैत में अपने मालिक को छोड़कर दूसरे स्थानों पर भागने वाले कामगारों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है। ऐसी स्थिति में आंतरिक मंत्रालय इस प्रयास में है कि इन जैसे कामगारों पर काबू पाया जाए। इसलिए मंत्रालय ने यह फैसला लिया है कि बिना टेस्ट के कामगारों की नियुक्ति नहीं की जाएगी। यानी कि कामगारों को वर्क परमिट लेने से पहले इस टेस्ट को देना होगा।
कहां होगा यह टेस्ट?
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कामगार जिस क्षेत्र में नियुक्त होने वाला है उसी क्षेत्र से संबंधित थियरी टेस्ट लिया जाएगा। यह टेस्ट उसी कामगार के देश में होगा जिसमे वहां का कुवैती दूतावास पूरी तरह से मदद करेगा।
इसके बाद कामगार जब कुवैत में प्रवेश कर लेगा तो फिर से उसका प्रेक्टिकल टेस्ट किया जाएगा और इसके बाद ही उसे वर्क परमिट मिलेगा। मंत्रालय का साफ साफ कहना है कि जो कामगार अपने काम में अच्छा नहीं है उनकी नियुक्ति नहीं की जाएगी।
किन प्रोफेशन के लोगों का होगा टेस्ट?
अभी फिलहाल सबसे पहले उन प्रोफेशन को इस लिस्ट में रखा गया है जो काफी डिमांड में है। इस लिस्ट में करीब 20 प्रोफेशन को रखा गया है। यानी कि इन 20 प्रोफेशन में अगर कोई काम करने के लिए जाता है तो उसका इस तरह से टेस्ट लिया जाएगा। हालांकि अभी यह संख्या केवल 20 है लेकिन आगे धीरे-धीरे बाकी की प्रोफेशन में भी यह नियम लागू कर दिया जाएगा।
अगर कामगार थियरी टेस्ट में पास होकर कुवैत चला जाता है और वहां पर प्रैक्टिकल टेस्ट में फेल हो जाता है तो क्या होगा?
मिली जानकारी के अनुसार अगर दुर्भाग्यवश किसी कामगार के साथ ऐसा होता है तो स्पॉन्सर कामगार के प्रस्थान के स्थान तक का वापसी का किराया देने के लिए बाध्य होगा। यानी कि कामगार को वापस भेजने की जिम्मेदारी स्पॉन्सर की होगी।