केंद्रीय कैबिनेट का निर्णय
केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने माइन्स एंड मिनरल्स डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन (MMDR) एक्ट 1957 में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके बाद लिथियम की माइनिंग की नीलामी अब सम्भव हो गयी है और इसे कमर्शियल रूप से माइन किया जा सकेगा।
निजी कंपनियों के लिए नया अवसर
इस संशोधन से निजी कंपनियों को भी लिथियम की माइनिंग में शामिल होने का मौका मिलेगा। यह निर्णय निजी सेक्टर की कंपनियों के लिए एक नया अवसर ला सकता है।
जम्मू-कश्मीर की लिथियम की खोज
कुछ समय पहले, जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला। यह खोज देश के लिथियम माइनिंग क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलेगी।
लिथियम माइनिंग: क्यों है यह महत्वपूर्ण?
लिथियम माइनिंग का महत्व इसकी विभिन्न उपयोगिताओं से जुड़ा हुआ है। लिथियम का प्रमुख उपयोग मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन और अन्य चार्जेबल बैटरी बनाने में होता है।
भारत और चीन की लिथियम पर निर्भरता
जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज के बाद, भारत अब लिथियम के लिए चीन पर कम निर्भर हो सकता है। यह भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
विषय | विवरण |
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संशोधन का निर्णय | केंद्रीय कैबिनेट ने MMDR एक्ट 1957 में संशोधन को मंजूरी दी |
निजी कंपनियां | निजी कंपनियां अब लिथियम की माइनिंग में शामिल हो सकेंगी |
लिथियम का भंडार | जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में 59 लाख टन लिथियम का भंडार मिला |
लिथियम की उपयोगिता | मोबाइल, लैपटॉप, इलेक्ट्रिक वाहन बनाने में लिथियम का उपयोग होता है |
भारत और चीन की निर्भरता | जम्मू-कश्मीर में लिथियम के भंडार की खोज से, भारत की चीन पर निर्भर |